मप्रः कामायनी एक्सप्रेस में बिना टिकट यात्रा कर रहे होमगार्ड जवान ने डिप्टी सीटीआई को पीटा
नर्मदापुरम, 13 दिसंबर (हि.स.)। बलिया से मुंबई जा रही कामायनी एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में शनिवार को भोपाल के रानी कमलापति और नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन के बीच टिकट चेकिंग के दौरान डिप्टी सीटीआई (चीफ टिकट इंस्पेक्टर) के साथ एक होमगार्ड सैनिक ने मारपीट कर दी। विवाद बिना टिकट यात्रा और जुर्माना नहीं भरने को लेकर हुआ। इस दौरान होमगार्ड सैनिक ने डिप्टी सीटीआई को मुक्के से पीटा। मारपीट में सीटीआई के गाल से खून निकलने लगा। सूचना मिलने पर आरपीएफ ने नर्मदापुरम में आरोपी होमगार्ड सैनिक और इटारसी में उसके पिता को ट्रेन से उतार लिया। फिलहाल, जांच चल रही है।
डिप्टी सीटीआई राजेश कुमार ने बताया कि आरोपी यात्री खुद को मुंबई जीआरपी में पदस्थ बता रहा था। वे कुल चार लोग मुंबई जा रहे थे। उनके पास एस-6 कोच में केवल 26 नंबर की एक ही टिकट कन्फर्म थी। बाकी तीन लोगों का टिकट कन्फर्म नहीं था। जब उन्होंने बाकी यात्रियों का फाइन भरने के लिए कहा तो वह बदसलूकी करने लगे। आरोपी ने उनसे झूमा-झटकी की और उनके पास रखा सामान भी छुड़ा लिया। विवाद बढ़ने पर होमगार्ड ने डिप्टी सीटीआई को बुरी तरह पीटा। भोपाल रेलवे कंट्रोल को सूचना देने के बाद ट्रेन नर्मदापुरम स्टेशन पहुंची। यहां आरपीएफ और जीआरपी की मदद से डिप्टी सीटीआई और आरोपी होमगार्ड को उतारा गया। दोनों को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उनकी मेडिकल जांच के बाद उपचार हुआ।
जीआरपी थाना प्रभारी संजय चौकसे ने बताया कि कोच में झगड़ा हुआ है। मारपीट करने वाला यात्री शिवम सिंह मुंबई के बोरीवली में होमगार्ड है। वह अपने माता-पिता के साथ बोरीवली जा रहा था। पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।
घटना को लेकर होमगार्ड शिवम ने कहा कि मैं अपने पिता और मां के साथ कामायनी एक्सप्रेस में S-7 कोच में यात्रा कर रहा था। मां की सीट कन्फर्म थी, लेकिन मेरे और पिता के पास चालू टिकट था। टीसी चेकिंग के लिए आए तो हम फाइन भरकर टिकट बनवाने के लिए तैयार थे, लेकिन स्टाफ ने ऊंची आवाज में बात की और बदतमीजी शुरू कर दी। स्टेशन आने पर उन्होंने मेरे पिता का कॉलर पकड़ा और उन्हें नीचे घसीटने लगे। इसी हाथापाई में शायद उन्हें पिताजी के नाखून लग गए, लेकिन मैंने कुछ नहीं किया। मैंने उन्हें बताया कि मैं भी जीआरपी का स्टाफ हूं, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी। उन्होंने मुझे और मेरे पिता को ट्रेन से जबरन नीचे घसीटा और मेरे साथ मारपीट की। इस दौरान मेरा स्कार्फ खींचा गया। मुझे हाथ और उंगली में चोटें भी आईं। हम अंदर ही बात सुलझाना चाहते थे, लेकिन वे हमें परिवार और सामान के साथ जबरदस्ती नीचे उतारने पर अड़े रहे। स्टाफ ने कहा कि जो अगला स्टेशन आ रहा है, उस पर इन लोगों को उतारो।
शिवम ने कहा कि मेरी मम्मी अकेली थीं। उनकी तबीयत भी खराब थी। साथ ही हमारे पास काफी सामान भी था, इसलिए हमने उनसे कहा कि जो भी फाइन या बात करनी है, गाड़ी के अंदर ही करो। हम नीचे नहीं उतरेंगे, लेकिन उन्होंने आरपीएफ बुलाकर हमें जबरदस्ती खींचकर बाहर निकालना शुरू कर दिया। हमें सीधा डिब्बे से घसीटते हुए ले जाया गया और इसी दौरान हाथापाई हुई। इस खींचतान में मेरी चेन गिर गई। मेरे 20 हजार रुपए भी खो गए। उन्होंने मेरे पिता का स्वेटर भी खींच दिया। यह सब प्लेटफॉर्म नंबर एक के सीसीटीवी कैमरे में दिख रहा है। अभी वे अपना पक्ष रख रहे हैं। उसके बाद हम अपनी एफआईआर दर्ज कराएंगे। मैं खुद मुंबई के बोरीवली जीआरपी (GRP) में होमगार्ड के पद पर कार्यरत हूं।
डिप्टी सीटीआई राजेश कुमार के अनुसार, ट्रेन में बहस के बाद रेलवे टोल फ्री नंबर 139 पर कॉल किया। आरपीएफ की मदद से होमगार्ड को नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म पर उतारा गया और जनरल कोच में जाने को बोला, लेकिन होमगार्ड ने दोबारा मारपीट की। झगड़े में डिप्टी सीटीआई का चश्मा टूट गया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

