लीकेज रोकने और सुदृढ़ मॉनिटरिंग में सहायक होगा एचएमआईएस : शुक्ल
- उप मुख्यमंत्री ने की कॉन्सेप्ट नोट की समीक्षा, कहा- चिकित्सकीय सेवाओं की व्यवस्था का होगा डिजिटलीकरण
भोपाल, 24 जून (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि चिकित्सकीय सेवाओं के प्रदाय, मरीज़ों की सुविधा, मरीज़ों की स्वास्थ्य प्रोफाइल और उपचार की ट्रैकिंग, संसाधनों के लीकेज को रोकने और सुदृढ़ मॉनिटरिंग में एचएमआईएस पोर्टल कारगर सिद्ध होगा।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल सोमवार को चिकित्सकीय सेवाओं की प्रदाय व्यवस्था के डिजिटलीकरण के लिए एचएमआईएस पोर्टल के कॉन्सेप्ट नोट की मंत्रालय वल्लभ भवन में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने एचएमआईएस पोर्टल के निर्माण के लिये देश एवं अन्य राज्यों के सफल मॉडल का अध्ययन कर आवश्यक प्रावधान करने के निर्देश दिये।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मो. सुलेमान, प्रमुख सचिव विवेक कुमार पोरवाल ने एचएमआईएस के प्रावधानों की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। एचएमआईएस पोर्टल में पूरी तरह से डिजिटाइज्ड प्रणाली द्वारा अस्पतालों में रोगी प्रवाह और सेवाओं में सुधार किया जाएगा। रोगी और अस्पताल के संबंध को बेहतर, पारदर्शी, आरामदायक और भरोसेमंद बनाया जाएगा। मौजूदा दवा और उपकरण सॉफ्टवेयर, एमपी-औषधि और ईएमएमएस और अन्य स्वास्थ्य संबंधी पोर्टल के साथ एकीकरण के प्रोविजन रहेंगे। पोर्टल में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्य का दोहराव न हो। पोर्टल में राष्ट्रीय डेटा सुरक्षा मानदंडों और कानूनी ढांचे के अनुरूप पोर्टल को निर्मित किया जाएगा।
घर से होगा पंजीयन, क़तारों में नहीं लगना होगा
एचएमआईएस पोर्टल से रोगी घर से ही पंजीकरण कर सकेंगे। चिकित्सालय में भी भीड़ रहित पर्चा निर्माण किया जा सकेगा। आभा आईडी के प्रयोग द्वारा रोगियों का समय बचाया जा सकेगा। क्यू प्रबंधन और टोकन डिस्प्ले प्रणाली से समर्थित पूरी तरह से डिजिटल प्रणाली के माध्यम से चिकित्सक को सीधे दिखाया जा सकेगा। समस्त डेटा की एंट्री एवं अपडेशन सोर्स पर किए जाने से रोगियों के बहुमूल्य समय की बचत हो सकेगी। पूरी प्रणाली वायरलेस और सुरक्षित होगी। दवा और निदान प्रणाली का पूर्ण एकीकरण होगा जिससे कार्य दोहराव कम होगा।
रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से किसी भी अस्पताल में चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा
नागरिक अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड और रिपोर्ट्स को ऑनलाइन देख सकेंगे, जिससे उन्हें कहीं भी और कभी भी अपने डेटा तक पहुंच प्राप्त होगी। मरीज अपने रिकॉर्ड्स को भारत के किसी भी अस्पताल में दिखा सकेंगे। जिससे इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड के माध्यम से पोर्टेबिलिटी के लाभ प्राप्त होगे। पूरी तरह से पेपरलेस प्रणाली के कारण रेफरल प्रणाली मजबूत होगी, जिससे बेहतर और तेज स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकेंगी। नागरिक टेलीमेडिसिन के माध्यम से रिमोट कंसल्टेशन सहजता से प्राप्त कर सकें इसके कई प्रावधान कॉन्सेप्ट नोट में शामिल है।
दूरस्थ और नेटवर्क चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में एचएमआईएस के सहज क्रियान्वयन के प्रावधान
पोर्टल क्लाइंट सर्वर मॉडल में प्रस्तावित है। यह मॉडल पूर्णकालिक इंटरनेट उपलब्धता पर निर्भर नहीं होता है, जिससे दूरस्थ और नेटवर्क चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी एचएमआईएस को लागू किया जा सकता है। क्लाइंट सर्वर मॉडल में प्रत्येक क्लाइंट को सभी आवश्यक कार्यक्षमता उपलब्ध होती है, भले ही इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से अनुपलब्ध हो। डेटा कनेक्शन उपलब्ध होते ही प्रत्येक क्लाइंट केंद्रीय सर्वर के साथ समन्वयित हो जाता है, जिससे डेटा सुरक्षित और अद्यतित रहता है। इस मॉडल की सहायता से भविष्य में नए कार्य और सुविधाएं बिना मौजूदा संचालन को बाधित किए जोड़ी जा सकती हैं।
बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण पिथोड़े, अपर आयुक्त चिकित्सा शिक्षा डॉ. पंकज जैन सहित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।