छतरपुर : 418 एकड़ में 15 एकड़ का रकबा वृक्षों के लिए आरक्षित,रोपे 5500 पौधे: शुभा तिवारी

छतरपुर : 418 एकड़ में 15 एकड़ का रकबा वृक्षों के लिए आरक्षित,रोपे 5500 पौधे: शुभा तिवारी
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छतरपुर : 418 एकड़ में 15 एकड़ का रकबा वृक्षों के लिए आरक्षित,रोपे 5500 पौधे: शुभा तिवारी


छतरपुर : 418 एकड़ में 15 एकड़ का रकबा वृक्षों के लिए आरक्षित,रोपे 5500 पौधे: शुभा तिवारी


छतरपुर, 15 जनवरी (हि.स.)। महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय की 418 एकड़ भूमि में से 15 एकड़ का रकबा पौघारोपण करके वृक्षों के लिए आरक्षित कर दिया गया है तथा ग्रीन आडिट के लिए प्रकृति आधारित विभिन्न बिन्दुओं पर नवाचार करने मुहिम चल रही है। यह कहना है कुलपति शुभा तिवारी का।

महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय की कुलपति शुभा तिवारी से विशेष चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर म.प्र. के बुन्देलखण्ड इलाके के लिए उच्च शिक्षा में गुणात्मक विकास करने की दृष्टि से एक महात्वाकांछी योजनाओं मे से एक है, जिस पर तेजी से विकास करने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन निर्धारित विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर काम कर रहा है।

कुलपति शुभा तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय के संचालन हेतु शासन ने 418 एकड़ भूमि आवंटित की है। उक्त क्षे़त्र में से 15 एकड में योजनाबद्ध तरीके से 5500 पौधों का रोपण किया गया है तथा पौध संरक्षण संवर्धन की योजना भी तय की गई है, ताकि निकट भविष्य में विश्वविद्यालय परिसर में सुंदरता और ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित रहे। महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय की कुलपति शुभा तिवारी ने कहा कि फिलहाल ग्रीन आडिट की तैयारी चल रही है जिसके तहत जल संरक्षण और संवर्धन, उर्जा संरक्षण संवर्धन के तहत सोलर पैनल, पॉलीथिन प्रतिबंध अभियान के अलावा पर्यावरण संरक्षण के लिए विद्यार्थियों के साथ मिलकर निरंतर मुहिम चल रही है। उन्होंने उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि इन ज्वलंत मुद्दों पर विद्यार्थियों के सहयोग से समाज और प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराने की कोशिश चल रही है, क्योंकि इसके लिए लीडर-शिक्षा बहुत आवश्यक है। कुलपति ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्ट्राच से पॉलीथिन बनता है और यह कैंसर कारक है। अमूमन देखा गया है कि सर्दी के मौसम में सड़क किनारे और अन्य स्थानों पर आग जलाने के लिए पॉलीथिन का उपयोग किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए सर्वाधिक नुकसानदेह और खतरनाक साबित होता है। कुलपति ने जानकारी देते कहा कि वर्तमान में महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के विकास कार्य अन्तर्गत प्रशासनिक भवन, कुलपति भवन, बाउन्ड्रीबाल का अनुमोदन मप्र शासन के मंत्रीमण्डल ने कर दिया है। आगे पीआईयू में टैण्डर प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा आडिटोरियम,म्युजियम निर्माण हेतु प्रस्ताव पीआईयू के पास पहुंच गया है जिसके लिए कार्यवाही चल रही है।

कुलपति शुभा तिवारी के मुताबिक महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर परिसर में रविन्द्रनाथ टैगोर कला भवन, आचार्य रामानुज विज्ञान संकाय भवन, सुषमा स्वराज लोक प्रशासन भवन, मॉडल सड़क मार्ग निर्माण किया जाना है। विभिन्न संरचनाओं के मुताबिक पूरे परिसर में वाटर कर्न्जवेशन,सोलर एनर्जी डेव्हलपमेंट एरिया, पर्यावरण संरक्षण हेतु व्यवस्थित पौधारोपण, एन्टी पॉलियीन एरिया विकसित रहेगा।

उल्लेखनीय है कि महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर से वर्ष 2023-24 के लिए 210 कॉलेजों की संबद्धता है जिनमें लगभग एक लाख से अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु विभिन्न संकाय में अध्ययनरत् हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/सौरभ भटनागर

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