मप्र: हाई कोर्ट ने मानहानि मामले में निरस्त की पूर्व मंत्री बिसेन की याचिका
जबलपुर, 19 मार्च (हि.स.)। हाई कोर्ट से पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन को झटका लगा। उनकी याचिका निरस्त कर दी गई। कोर्ट ने तत्कालीन जिला सहकारी बैंक पन्ना के अध्यक्ष संजय नगायच के जिला न्यायालय पन्ना में बिसेन के खिलाफ लंबित मानहानि प्रकरण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
दरअसल, गौरीशंकर बिसेन की ओर से निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। बिसेन ने पन्ना जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष संजय नगायच को चोर कहा था। उनके खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलेगा। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि किसी जनप्रतिनिधि का सार्वजनिक अपमान और उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के गंभीर आरोप को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री रहते हुए गौरी शंकर बिसेन ने 2011 में पन्ना जिले के शासकीय दौरे के दौरान पन्ना सहकारी बैंक अध्यक्ष संजय नगायच को जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित किया था। पंडित तू चोर, बैंक अध्यक्ष चोर है, जैसे शब्द बोलकर, भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर पन्ना बैंक के बोर्ड को बर्खास्त कराया था। उस समय सुप्रीम कोर्ट के आए ऐतिहासिक फैसले ने संजय नगायच पर बिसेन के लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों पर क्लीनचिट देते हुए बहाल किया था। साथ ही मप्र सरकार पर एक लाख का जुर्माना लगाया था। पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन पर एमपी एमएलए कोर्ट ग्वालियर की फास्ट ट्रेक कोर्ट में धारा 500 के तहत केस चलेगा। इसमें दो साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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