इंदौरः देपालपुर में लगे स्वास्थ्य शिविर में 2300 से अधिक मरीजों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
- ग्रामीणों को मिला स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ, नि:शुल्क दवाइयां देकर किया गया उपचार
इंदौर, 30 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार शासन- प्रशासन द्वारा ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर ग्रामीणों को शहर जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन का सिलसिला प्रारंभ किया गया है। इस सिलसिले में शनिवार को देपालपुर में वृहद स्तरीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन हुआ। इस स्वास्थ्य शिविर में इंदौर के अनेक मेडिकल कॉलेज और प्रतिष्ठित हॉस्पिटलों के विशेषज्ञ डॉक्टर्स/ पैरामेडिकल स्टाफ ने अपनी सेवाएं दी। शिविर में लगभग दो हजार 300 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया, नि:शुल्क दवाइयां देकर उनका उपचार भी किया। साथ ही मरीजों की अत्याधुनिक मशीनों द्वारा विभिन्न तरह की नि:शुल्क जांचें भी की गयी।
संभागायुक्त दीपक सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित शिविर का शुभारंभ विधायक मनोज पटेल ने किया। उन्होंने शिविर की व्यवस्थाओं का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर एसडीएम रवि वर्मा, देपालपुर जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि गुमानसिंह पंवार, नगर परिषद अध्यक्ष अनीता गोस्वामी, उपाध्यक्ष गोपाल कटेसरिया, देवकरण दरबार, सत्य नारायण पटेल, मुकेश जैन, पार्षदगण, बीएमओ डॉ. अभिलाष शिवरिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी विशेष रूप से मौजूद थे।
कार्यक्रम में विधायक मनोज पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप दूरस्थ क्षेत्रों के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित इस शिविर के माध्यम से बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। उन्होंने 70 वर्ष से अधिक आयु के वद्धजनों से आयुष्मान कार्ड बनवाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से पात्रताधारियों को आवश्यकता पड़ने नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कुछ समय पश्चात बेटमा, हातोद, गौतमपुरा और देपालपुर नगर परिषद क्षेत्र में एटीएम हेल्थ मशीन की सेवा प्रारंभ की जाएगी, जिसके माध्यम से क्षेत्रवासियों को शुगर, बीपी सहित अन्य जांच की नि:शुल्क सुविधा मिलेगी। उन्होंने क्षेत्रवासियों से आह्वान किया कि वे केन्द्र और राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले। उन्होंने कहा कि पहला काम निरोगी काया। इसके लिए सभी को स्वास्थ्य के प्रति सजग होने की आवश्यकता है। उन्होंने क्षेत्रवासियों से जैविक कृषि को अपनाने का आह्वान किया।
शिविर में मरीजों को लाने ले जाने की व्यवस्था की गयी थी। शिविर में केंसर, सिकलसेल, टीबी, लेप्रोसी, सिलोकोसिस, दंत, स्त्री रोग, चर्म रोग, मानसिक रोग, न्यूरोलॉजी, शिशुरोग, ह्दय रोग, मेडिसिन, नेत्र रोग, नाक कान गला रोग आदि बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ग्रामीणों का उपचार किया गया। शिविर में टीवी के 84, ईएनटी के 83, एमडी मेडिसिन के 115, सर्जरी के 57, नेत्र रोग संबंधी 285, दंत रोग के 57, स्त्री रोग संबंधी 258, अस्थी रोग संबंध 190, शिशु रोग संबंधी 71, चर्म रोग संबंधी 90, आयुष विभाग संबंधी 604 मरीजों ने पंजीयन कराकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। 30 मोतियाबिंद मरीजों का चिन्हांकन किया गया। 12 नेत्र मरीजों को चोइथराम हॉस्पिटल ऑपरेशन के लिए रेफर किया गया। शिविर में मेडिकल बोर्ड के 11 प्रमाण-पत्र बनाये गए। 70 वर्ष से अधिक आयु के 23 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया। 110 लोगों को आभा आईडी बनायी गई। शिविर में 148 मरीजों के ब्लड सैंपल तथा 86 मरीजों की सोनोग्राफी की गई।
शिविर में चलित इकाई के माध्यम से दंत परीक्षण भी किया गया। शुगर एवं ब्लड प्रेशर आदि की जांचें भी मौके पर ही की गई। बड़ी संख्या में मरीजों का उपचार आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी माध्यम से भी किया गया। स्वास्थ्य शिविर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, चोईथराम नेत्रालय, मेदांता, आयुष महाविद्यालय, इंदौर कैंसर फांउडेशन, केयर सीएचएल अस्पताल सहित अन्य शासकीय एवं अशासकीय अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
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