मप्रः भोपाल समेत कई जिलों में तेज बारिश के साथ गिरे ओले

मप्रः भोपाल समेत कई जिलों में तेज बारिश के साथ गिरे ओले
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मप्रः भोपाल समेत कई जिलों में तेज बारिश के साथ गिरे ओले


- 15 अप्रैल तक ऐसा ही रहेगा मौसम

भोपाल, 9 अप्रैल (हि.स.)। मध्यप्रदेश में बीते तीन दिनों से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है और अनेक जिलों में तेज हवाओं के साथ रुक-रुक बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। मंगलवार को भी राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में बारिश हुई और कई जगह ओले भी गिरे। मौसम विभग की मानें तो अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आने की इस वजह से प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्र के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। विभाग ने आगामी 15 अप्रैल तक ऐसा ही मौसम बना रहने की संभावना जताई है।

राजधानी भोपाल में मंगलवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे और दोपहर बाद तेज बारिश शुरू हो गई और रुक-रुक कर पानी गिरने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। विदिशा और शाजापुर में भी पानी गिरा। इस दौरान कई जगह ओले भी गिरे। बेमौसम बारिश से तपिश से तो राहत मिल गई है, लेकिन यह मौसम किसानों के लिए आफत से कम नहीं है। इससे खेतों में कटकर रखी फसल के बर्बाद होने की आशंका है।

मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को रायसेन में चार, भोपाल में एक एवं दमोह में दो मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, अभी मौसम साफ होने की संभावना नहीं है। बुधवार को भी भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, शहडोल संभाग के जिलों में कई स्थानों एवं इंदौर, उज्जैन व ग्वालियर संभाग के कुछ जिलों में वर्षा होने की संभावना है। भोपाल, नर्मदापुरम, शहडोल एवं जबलपुर संभाग के जिलों में ओले भी गिरने के भी आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विशेषज्ञ प्रकाश ढवले ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास बना हुआ है। राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। मध्य महाराष्ट्र पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। इसके अतिरिक्त दक्षिणी गुजरात से लेकर तमिलनाडु तक एक द्रोणिका बनी हुई है। इन मौसम प्रणालियों के असर से मिल रही नमी के कारण पूर्वी एवं पश्चिमी मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन दिन तक बना रह सकता है।

वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से नमी मिलने के कारण रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बना हुआ है। उधर, तापमान भी 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहने से दोपहर के बाद स्थानीय स्तर पर भी गरज-चमक की स्थिति बनने लगी है। 13 अप्रैल को भी एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इस वजह से अभी मौसम साफ होने की उम्मीद कम है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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