मप्र: ज्ञानगंगा स्कूल दुष्कर्म प्रकरण में सीएम ने एसआईटी जांच के निर्देश दिए, बाल आयोग भी हुआ एक्टिव
भोपाल, 1 मई (हि.स.)। राजधानी भोपाल के मिसरोद थाना क्षेत्र से शर्मसार करने वाली घटना सामने आने के बाद सरकार सख्त है, यहां दूसरी कक्षा की आठ साल की बच्ची के साथ ज्ञानगंगा बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में दुष्कर्म की घटना सामने आई है। नाबालिग से दुष्कर्म मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। वहीं, मामले में मप्र राज्य बाल संरक्षण आयोग भी सक्रिय हो गया है। आयोग के अध्यक्ष द्रविंद्र मोरे ने अपने दो सदस्यीय दल को वहां जाकर सही तथ्य जुटानें एवं जांच करने के लिए कहा है।
दूसरी ओर राजधानी से जुड़े प्रकरण को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि संपूर्ण प्रकरण में एसआईटी गठित कर जांच की जाए। सीएम के निर्देश के बाद एसीपी मिसरोद रजनीश कश्यप की अध्यक्षता में एसआईटी को गठित किया जा रहा है। जिसमें थाना प्रभारी मिसरोद और एसआई श्वेता शर्मा इस एसआईटी टीम की सदस्य रहेंगी। प्रकरण में एसआई प्रकाश राजपूत का नाम भी सामने आया है। प्रकाश राजपूत पर मामले को दबाने का आरोप है। जिसके चलते इस पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए अपनी जांच आरंभ कर दी है। जांच के लिए डॉ. निवेदिता शर्मा और अनुराग पाण्डेय को आयोग अध्यक्ष ने नियुक्त किया है। जिन्होंने मामले से जुड़े सभी तथ्यों पर अपनी गहन जांच शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि घटना चार से पांच दिन पुरानी बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि बच्ची को दाल-चावल में कुछ नशीला पदार्थ खिलाया गया, जिससे वह बेसुध हो गई और उसके साथ गलत काम हुआ। हालांकि मंगलवार रात पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया है। इसमें हॉस्टल वार्डन भी शामिल है। मिसरोद पुलिस के मुताबिक बच्ची के माता-पिता ने 15 दिन पहले ही हॉस्टल में दाखिला कराया है। बच्ची के पिता बिजनेसमैन और मां गृहिणी हैं। बच्ची की मां ने बताया कि पिछले रविवार को वह बच्ची को हॉस्टल से बाहर घुमाने लाई थीं। हर रविवार को ही परिजन बच्चों से मिल सकते हैं। इस रविवार को बच्ची से फोन पर बात की तो वह रोने लगी। वीडियो कॉल पर बोली, उसे ब्लीडिंग हुई है। जब मैंने कुछ पूछा तो वार्डन ने फोन कट कर दिया। मैं तुरंत सोमवार को इंदौर से स्कूल पहुंची। जब वह बेटी से मिली तो वह लिपटकर रोने लगी।
बेटी ने बताया कि चार-पांच दिन पहले शाम को उसने दाल-चावल खाए थे। बाद में हॉस्टल की वार्डन ने उसे दोबारा दाल-चावल खिलाए थे। रात में जब नींद खुली तो वह अपने कमरे और बिस्तर पर नहीं थी। एक मोटे से दाढ़ी वाले अंकल उसके साथ गलत काम कर रहे थे। पास में खड़े अंकल बोल रहे थे कि मोदी साहब, बच्ची को होश आ गया है। अंकल ने दो-तीन बार बोला। इसके बाद मेरी आंख पर हाथ रख दिया। प्राइवेट पार्ट से ब्लड आ रहा था। इसके बाद मां तुरंत बच्ची को लेकर जेपी अस्पताल गई, जहां चेकअप के बाद डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट में सूजन और ब्लीडिंग हुई है। वहीं, एसआई श्वेता शर्मा का कहना है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में मिसरोद टीआई मनीष भदौरिया का कहना है कि मासूम की मेडिकल रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इसमें सभी प्रमुख लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग जब्त की गई है, जिसकी जांच की जाएगी। इसका एक-एक मिनट देखा जा रहा है। फिलहाल किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है। साक्ष्यों के सामने आने के बाद अतिशीघ्र आरोपित पकड़े जाएंगे।
इस मामले में स्कूल प्रबंधन का बयान भी सामने आया है। स्कूल की डायरेक्टर प्रियंका मोदी ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए उन्हें किसी षड्यंत्र के तहत फंसाया जाना बताया है। उन्होंने कहा कि खाने में कुछ नहीं मिलाया गया। स्कूल की छुट्टी नहीं लगी है, बच्ची हंसते हुए स्कूल से बाहर गई। सभी बच्चे यहीं पर थे। फिर भी मैं कहूंगी कि यदि बच्ची के साथ गलत हुआ है तो मैं उसके साथ खड़ी हूं। गौरतलब है कि प्रियंका मोदी आरोपित विद्यालय संचालक की पत्नी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ मयंक/मुकेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।