हाथरस हादसे में ग्वालियर की महिला की भी मौत, लाशों के ढेर में पड़ी मिली
ग्वालियर, 3 जुलाई (हि.स.)। उत्तरप्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में गत दिवस मची भगदड़ में जिन 122 लोगों की मौत हुई, उनमें ग्वालियर की महिला भी शामिल है। थाटीपुर जगजीवन नगर की रहने वाली 45 साल की रामश्री सिंह महिला मंडली के साथ सत्संग में शामिल होने गई थी। जाते वक्त उसने बेटे से कहा था कि मैं जल्दी लौट आऊंगी, लेकिन बुधवार को यूपी पुलिस उनकी लाश लेकर पहुंची। साथ गई सहेलियों को भगदड़ के बाद वह लाशों के ढेर में पड़ी मिली।
रामश्री (45) पत्नी स्व. दयाल सिंह घर की मुखिया थीं। साल 2014 में पति के निधन के बाद वे ही घर को संभाल रही थीं। परिवार में तीन बेटे व दो बेटियां हैं। किसी की भी शादी नहीं हुई है। रामश्री हर साल महिला मंडली के साथ भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने जाती थीं। सोमवार-मंगलवार दरमियानी रात दो गाड़ियों से ग्वालियर से करीब 12 महिलाएं सत्संग में हाथरस गई थीं। मंगलवार को हादसे के समय सभी महिलाएं एक साथ थी। अचानक वहां भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए लोग धक्का-मुक्की करने लगे। वहां बाबा के लोगों ने पीछे की तरफ धकेल कर वाटर कैनन से पानी की बौछार कर दी, जिसके बाद भगदड़ मच गई। इसी समय रामश्री महिला मंडली से बिछड़ गई। भगदड़ के बीच लोगों के पैरों के नीचे कुचलती चली गई।
भगदड़ की सूचना मिलते ही महिलाओं के परिजन एक-दूसरे को कॉल करने लगे। रामश्री के बेटे पंकज ने भी संपर्क किया। पता लगा कि उनकी मां लापता है। कुछ देर बाद पता लगा कि रामश्री की भगदड़ में कुचलने और दम घुटने से मौत हो गई है। रामश्री के ऊपर ही पांचों बेटे-बेटियों की शादी की जिम्मेदारी थी। रामश्री के बेटे पंकज ने बताया कि वैसे तो वे हर बार सत्संग में जाती थीं, लेकिन इस बार जाते समय कई बार मुड़कर देखा था। वे यह कहते हुए गई थीं कि ख्याल रखना। जल्दी आ जाऊंगी।
रामश्री के साथ गई महिलाओं ने बताया कि जब तक सत्संग चल रहा था, तब तक हम साथ थे। जैसे ही बाबा के चरणों की धूल लेने भीड़ आगे बढ़ी, रामश्री बहन से हमारा साथ छूट गया। उसके बाद पता ही नहीं चला कि कौन कहां है। भगदड़ मचने के बाद सभी अपनी जान बचाने में लगे थे। हमें डर था कि हमारी एक साथी भीड़ के बीच में है, लेकिन बाद में जब लाशों के ढेर में देखा तो पता लगा कि वो नहीं रहीं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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