ग्वालियरः नागरिक सुरक्षा को लेकर शिक्षण संस्थानों में भी दिया जा रहा प्रशिक्षण
- विद्यार्थियों ने जानी आपदा के समय बरती जाने वाली सावधानियां, बचाव के तरीके भी सीखे
ग्वालियर, 20 मई (हि.स.)। जिले में नागरिक सुरक्षा को लेकर कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर शिक्षण संस्थानों में भी राज्य आपदा प्रबंधन दल (एसडीआरएफ) व होमगार्डस के माध्यम से विद्यार्थियों व शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस कड़ी में मंगलवार को आईटीएम कॉलेज में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि हवाई हमला या फिर किसी अन्य आपदा की स्थिति में कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी हैं। नागरिक सुरक्षा से संबंधित 12 महत्वपूर्ण सेवाओं की जानकारी प्रशिक्षण के दौरान खासतौर पर दी गई। प्रशिक्षण के दौरान आईटीएम के विद्यार्थी उत्साह से ओतप्रोत हो गए और बहुत से विद्यार्थियों ने सहमति जताई कि वे स्वेच्छा से आपदा मित्र के रूप में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं।
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि सायरन बजने पर क्या करना है, मौके पर उपलब्ध संसाधनों से घायलों की कैसे मदद करनी है, ब्लीडिंग कैसे रोकनी है, लोगों को कैसे सुरक्षित निकालना है और रासायनिक व जैविक हमलों से कैसे बचना है। साथ ही आपात स्थिति निर्मित होने पर अपनाई जाने वाली सावधानियां एवं जरूरतमंदों तक मदद पहुँचाने से संबंधित तमाम बारीकियां सिखाई गईं। यह प्रशिक्षण केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा दिए गए आदेशों व महानिदेशक होमगार्ड द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान आपदा प्रबंधन उपकरणों का प्रदर्शन भी किया गया।
आपदा मित्र बनकर घायलों की मदद करने के तरीके बताए
एसडीआरएफ के जवानों ने नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण के दौरान स्ट्रेचर बनाने, घायलों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के विभिन्न तरीके एवं प्राथमिक चिकित्सा देने की विधियों का व्यवहारिक व जीवंत प्रदर्शन करके दिखाया। एसडीआरएफ के जवानों ने कहा कि आम नागरिक भी इन विधियों को अपनाकर आपदा मित्र की भूमिका निभा सकते हैं। आपदा के समय सीपीआर देकर लोगों का जीवन बचाने की बारीकियां भी उन्होंने प्रभावी ढंग से समझाईं। साथ ही बताया कि आपदा की स्थिति में दीवारों के किनारे, टेबल इत्यादि के नीचे सहारा लें। यदि सड़क से जा रहे हों तो पुलों इत्यादि के नीचे वाहन रोककर खड़े हो जाएं।
रासायनिक हमला होने पर मुँह पर गीला कपड़ा बाँधें और हवा की विपरीत दिशा से निकलें
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि यदि कहीं रासायनिक एवं जैविक हमला हुआ हो तो मुँह पर गीला रूमाल या कपड़ा बांधकर हवा के विपरीत दिशा से निकलना चाहिए। इसके बाद सुरक्षित स्थान पर पहुँचकर साबुन लगाकर अच्छी तरह मुँह-हाथ धोकर नहा लेना चाहिए। मुल्तानी मिट्टी व राख से हाथ व शरीर की सफाई भी अत्यंत कारगर रहती है।
ब्लैक आउट का सायरन बजने पर घरों की बत्तियाँ बंद कर पर्दे डाल दें
प्रशिक्षण के दौरान खासतौर पर बताया गया कि ब्लैक आउट का सायरन बजते ही घरों की बत्तियाँ बंद कर दें। साथ ही दरवाजों व खिड़कियों के पर्दे डाल दें। प्रयास ऐसे हों कि जरा सी भी रोशनी घर के बाहर नहीं दिखनी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

