ग्वालियर: मंगल कलश शोभायात्रा के साथ पंचकल्याण महोत्सव शुरू
- हाथी और बग्गियों में सवार होकर निकले इन्द्र और इन्द्राणी
ग्वालियर, 13 दिसम्बर (हि.स.)। भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण महोत्सव पर मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज एवं मुनिश्री विश्व सौम्य सागर महाराज के सानिध्य में मंगल कलश शोभायात्रा के साथ पंचकल्याण महोत्सव की शुरूआत बुधवार को हुई। इस मौके पर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति ग्रेटर व समन्वयक जैन मिलन ग्वालियर की ओर से नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला से विशाल मंगल कलश घटयात्रा निकाली गई जिसमें इन्द्र और इन्द्राणी बने लोग हाथी और पालकियों में विराजमान हुए। यात्रा का समापन अयोध्या नगरी फूलबाग मैदान में हुआ।
शोभायात्रा में सबसे आगे युवा जैन ध्वजा लेकर व हाथी पर सौधर्म इंद्रा जैनध्वजा लेकर चल रहे थे। इंद्रा-इंद्राणियां बाग्गियों में सवार थे। 1008 महिलाएं राजस्थानी लहंगे पहनकर और मिट्टी के मंगल कलश सिर पर रखकर मंगल गीत गाकर चल रही थीं। उदयपुर के आकर्षक बैंड पर युवक और युवतियां नृत्य कर रहे थे। महिला संगठन पूरे रास्ते गरबा-डांडिया खेलते हुए चल रहे थे। रथ में भगवान जिनेंद्र की प्रतिमाएं विराजित थीं। जैन समाज के लोगों ने अपने घर के द्वारे पर भव्य रंगोली बनाकर रथ की आगवानी की।
रात्रि में लगा सौधर्म का राज दरबार, माता मरूदेवी ने देखे 16 सपने: तीर्थंकर भगवान के गर्भ में आने से पहले ही पृथ्वी पर शुभ लक्षण दिखाई देने लगे थे। ठीक इसी तरह भगवान आदीनाथ की माता मरूदेवी को 16 सपने दिखाई दिए। जिन्होंने आभास कराया कि आने वाले समय में उनके गर्भ से तीर्थंकर पैदा होगा। इसमें माता के सपनों के वे सभी 16 शुभ चिन्ह् प्रदर्शित किए गए जो जैन धर्म में शुभ माने जाते हैं।
आयोजन के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि 14 दिसंबर गुरुवार को बालक तीर्थंकर आदि का जन्म कल्याणक महोत्सव पूरे उत्साह और उमंग से मनाया जाएगा। जिसमें सुबह आठ बजे जन्म होने के साथ बधाई अयोध्या नगरी होगी। अयोजन स्थल से प्रात: 10 बजे विशाल चल समारोह निकाला जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/शरद
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