ग्रामोदय विश्वविद्यालय भारत रत्न नाना जी देशमुख के रचनात्मक कार्यों का प्रतिबिंब: राजेंद्र शुक्ल

ग्रामोदय विश्वविद्यालय भारत रत्न नाना जी देशमुख के रचनात्मक कार्यों का प्रतिबिंब: राजेंद्र शुक्ल
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ग्रामोदय विश्वविद्यालय भारत रत्न नाना जी देशमुख के रचनात्मक कार्यों का प्रतिबिंब: राजेंद्र शुक्ल


- उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा- ग्रामोदय विवि के सतत विकास के लिए अपेक्षित सहयोग होगा

भोपाल, 15 दिसंबर (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भारत रत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख का महामानव के रूप में स्मरण करते हुए कहा कि नाना जी देशमुख ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट की संकल्पना और स्थापना की थी। यह विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ संस्कार देने का उत्कृष्ट केंद्र भी है। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के इस परिसर में आने में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा मिलती है। नानाजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेकर समाज सेवा के क्षेत्र को नई दिशा दी जा सकती है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल शुक्रवार को महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय पहुंचे थे, जहां विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर ग्रामोदय परिवार की ओर से उनका भव्य स्वागत और अभिनंदन किया।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए सौभाग्य की बात है कि नानाजी देशमुख के सद्प्रयासों से इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उच्च शिक्षा के प्रकाश को देश-विदेश में प्रकाशित कर रहे है। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के सतत विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि आने वाले समय में स्वयं ग्रामोदय विश्वविद्यालय कैंपस आकर प्राध्यापको, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों से विचार मंथन कर अपेक्षित सहयोग करेंगे। कुलसचिव प्रो. आर.सी. त्रिपाठी, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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