नाना जी की संकल्पना के अनुरूप अपने उद्देश्यों को लेकर आगे बढ़ रहा ग्रामोदय विविः मंत्री परमार

नाना जी की संकल्पना के अनुरूप अपने उद्देश्यों को लेकर आगे बढ़ रहा ग्रामोदय विविः मंत्री परमार
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नाना जी की संकल्पना के अनुरूप अपने उद्देश्यों को लेकर आगे बढ़ रहा ग्रामोदय विविः मंत्री परमार


नाना जी की संकल्पना के अनुरूप अपने उद्देश्यों को लेकर आगे बढ़ रहा ग्रामोदय विविः मंत्री परमार


- हमारे देश के उत्पन्न प्रश्नों के समाधान के लिए हुई ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापनाः उच्च शिक्षा मंत्री

सतना, 13 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रख्यात समाज शिल्पी भारत रत्न नानाजी देशमुख ने वर्ष 1991 में ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना केवल डिग्री डिप्लोमा बांटने के काम में लगे सामान्य विश्वविद्यालय के विकल्प के रूप में हमारे देश के प्रश्नों के समाधान खोजने के लिए किया था। यह विश्वविद्यालय अपने गौरवशाली उद्देश्यों के अनुरूप निरंतर आगे बढ़ रहा है। हमारे देश की अपनी शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य और उद्देश्य को क्रियान्वित करने में यह विश्वविद्यालय सक्रियता के साथ अपना संपूर्ण योगदान देता रहेगा।

उच्च शिक्षा मंत्री परमार शनिवार को महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं विकसित भारत@2047 विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के बाद अपनी शिक्षा नीति पर काम होना चाहिए था, तत्समय संभव नहीं हो सका। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का यथार्थ स्वरूप विकसित भारत 2047 के रूप में पूर्णता के साथ परिलक्षित होगा।

परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सदप्रयासों लक्ष्य भेदी कार्य योजना के अनुरूप मध्य प्रदेश सरकार भी काम कर रही है। इसका लाभ हमारे देश और प्रदेश को मिल रहा है। आज हमारा देश खाद्यान्न सहित अनेक क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो गया है। वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में अपनाई जा रही सौर ऊर्जा अब भारत सहित अनेक देशों को ऊर्जा प्रदान करने में भी सफल होगी। उन्होंने सामाज उपयोगी विभिन्न आयामों में शोध करने पर जोर भी दिया।

उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, शोधार्थियों एवं छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी लोग भारत रत्न नानाजी देशमुख की संकल्पना, कार्यशैली एवं उनके आदर्शों के अनुरूप ग्रामोदय विश्वविद्यालय मे अध्ययन, अध्यापन, शोध, प्रसार और समाजोपयोगी काम को पूर्ण मनोयोग से करते रहें।

संगोष्ठी का प्रारंभ उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने विद्यादायिनी मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से किया। इस अवसर पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भरत मिश्रा सहित विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने फूलमालाओं एवं बुके से उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया।

कुलपति प्रोफेसर भारत मिश्रा ने स्वागत उद्वोधन में ग्रामोदय विश्वविद्यालय की अकादमिक, प्रशासनिक, शोध, प्रसार आदि गतिविधियो केंद्रित जानकारी प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने कार्यकाल में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के विकास का खाका खींचा और बताया कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय अपने विशिष्ट अधिनियम में प्रावधानित व्यवस्था के अनुसार पूरे प्रदेश में सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास के पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। रेगुलर और दूरवर्ती दोनों माध्यमों के पाठ्यक्रमों संचालित हो रहे हैं। इस वर्ष ग्रामोदय विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में 70 हजार से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। गुणवत्ता पूर्ण अध्ययन, अध्यापन, समय से प्रवेश, परीक्षा, मूल्यांकन और परिणाम इस विश्व विद्यालय की प्रमुख विशेषता है। एक्शन रिसर्च और सामाजिक उत्तरदायित्व पाठ्यक्रम नवाचार के तौर पर संचालित है।

संगोष्ठी के बाद उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कृषि परिसर स्थित भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कृषि परिसर में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कृषि और ग्रामीण विकास के लिए ग्रामोदय विश्वविद्यालय में संचालित गतिविधियों की जानकारी ली। उच्च शिक्षा मंत्री ने कृषि पाठ्यक्रम और कृषि शोध की प्रगति को भी जाना। उन्होंने कृषि परिसर में नव स्थापित जिम और इंडोर खेल कार्यक्रम का कृषि एवं पशु पालन विभाग के प्राध्यापक डॉ उमेश कुमार शुक्ला द्वारा प्रस्तुत वैदिक मंत्रोचार के मध्य स्वास्तिक चिन्ह बना कर किया। इंडोर खेल खेला और जिम में प्रतीकात्मक व्यायाम किया। कृषि संकाय अंतर्गत उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई के तत्वाधान में एक वृक्ष रोपण कर ट्री गार्ड स्थापित किया।

बच्चे हमारे देश के भविष्य निर्माताः परमार

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा इंदर सिंह परमार ने चित्रकूट प्रवास के दौरान शनिवार को चित्रकूट दर्शन के लिये सीएम राइज बगहा के छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। उन्होने विद्यार्थियों से कहा कि आप सब भारत देश के भविष्य निर्माता है। उन्होंने बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चे में ऊर्जा का असीम भंडार होता हैं। मंत्री परमार ने विद्यार्थियों साथ भ्रमण पर आये शिक्षकों से कहा कि शिक्षकों का स्थान हमारे समाज में ऊंचा है। शिक्षक ही हमारे बच्चों के भविष्य एवं राष्ट्र के निर्माता हैं। शिक्षकों के बिना समाज राष्ट्र के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि आज के हमारे कर्णधार हमारे कल का भविष्य हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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