ग्वालियरः कलेक्टर ने पहल कर श्रमिकों को ठेकेदार से दिलाई 45 दिन की मजदूरी
- रेलवे ठेकेदार से कराया लगभग 4 लाख 65 हजार रुपये का भुगतान
ग्वालियर, 25 जून (हि.स.)। रेलवे के ठेकेदार द्वारा मजदूरी का भुगतान न किए जाने से परेशान दो दर्जन श्रमिकों की समस्या का समाधान हो गया है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने पहल कर इन श्रमिकों को 45 दिन की मजदूरी के रूप में कुल चार लाख 65 हजार से अधिक धनराशि का भुगतान करा दिया है। इन श्रमिकों में 11 महिलाएँ और 13 पुरुष शामिल हैं। प्रदेश के सीधी, शहडोल, कटनी व उमरिया जिले के निवासी इन श्रमिकों से ठेकेदार ने रेलवे का काम कराया था, पर उनकी 45 दिन की मजदूरी नहीं दी थी।
जनसम्पर्क अधिकारी हितेन्द्र सिंह भदौरिया ने मंगलवार को बताया कि इन श्रमिकों ने गत 20 जून को ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुँचकर कलेक्टर रुचिका चौहान को अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि हम सब बहुत परेशान हैं। कैसे भी हो हमारा भुगतान करा दीजिए, जिससे हम अपने घर जा सकें। कलेक्टर ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और सभी को भरोसा दिलाया कि आप सब चिंता न करें, जिला प्रशासन आपकी मजदूरी का भुगतान करायेगा। उन्होंने सहायक श्रम आयुक्त को अपनी टीम भेजकर ठेकेदार का पता लगाने और जल्द से जल्द श्रमिकों का भुगतान कराने के निर्देश दिए।
इस परिपालन में श्रम विभाग की टीम ने श्रमिकों और रेलवे सहित अन्य माध्यमों से चर्चा कर पता लगाया कि नैना इन्फ्रा कंपनी के ठेकेदार भूपेन्द्र सिंह यादव ने इन श्रमिकों को भारत सरकार के उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड के कार्य में मजदूरी पर लगाया था। ठेकेदार भूपेन्द्र सिंह यादव उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले के ग्राम बडोखरा का निवासी है। श्रम विभाग की टीम ठेकेदार तक पहुँची और शासन के नियमों का हवाला देकर श्रमिकों का भुगतान करा दिया। इतना ही नहीं, कलेक्टर के निर्देश पर सभी श्रमिकों को बस स्टेण्ड के रेनबसेरा में आश्रय दिलाया और उनके भोजन पानी की व्यवस्था भी कराई। मजदूरी का भुगतान होने के बाद श्रम विभाग की टीम ने सभी श्रमिकों को रेलवे स्टेशन पहुँचकर रेल मार्ग द्वारा उनके गृह नगर व ग्रामों के लिये विदा किया।
केन्द्र सरकार के अधीन विषय होने के बाबजूद राज्य शासन के श्रम विभाग की टीम ने कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर इन श्रमिकों की मजदूरी दिलाई है। अपनी कड़ी मेहनत का सुफल जब श्रमिकों को मिला तो वे गदगद हो गए और उनकी आंखें छलक आईं। सभी श्रमिक ग्वालियर जिला प्रशासन व श्रम विभाग की टीम को दुआएँ देते हुए अपने घर लौटे। इन श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान कराने में श्रम निरीक्षक आलोक शर्मा ने अहम भूमिका निभाई है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात
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