इंदौरः अनंत चतुदर्शी पर गौरवशाली परम्परा के अनुरूप निकला नयनाभिराम झांकियाँ और अखाड़ों का कारवां

WhatsApp Channel Join Now
इंदौरः अनंत चतुदर्शी पर गौरवशाली परम्परा के अनुरूप निकला नयनाभिराम झांकियाँ और अखाड़ों का कारवां


इंदौरः अनंत चतुदर्शी पर गौरवशाली परम्परा के अनुरूप निकला नयनाभिराम झांकियाँ और अखाड़ों का कारवां


- हुकमचंद मिल की झांकी और अखाड़ों में चंद्रपाल उस्ताद एवं छोगालाल उस्ताद व्यायाम शाला को मिला प्रथम स्थान

इन्दौर, 18 सितंबर (हि.स.)। इंदौर की गौरवशाली परम्परा के रूप में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात अनन्त चतुर्दशी चल समारोह पूर्ण श्रद्धा, आस्था एवं अपार उत्साह-उमंग और व्यापक जनभागीदारी के साथ सम्पन्न हुआ। नागरिकों ने इस उत्सव के प्रति अपनी सक्रिय सहभागिता निभाते हुये शहर की परम्परा को अपार उत्साह और उमंग के साथ आगे बढ़ाया। रातभर जोश और उल्लास के साथ चल समारोह में निकली नयनाभिराम झाँकियों और अखाड़ों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने हजारों लोगों का मन मोह लिया। जिला प्रशासन द्वारा गठित झाँकी तथा अखाड़ा निर्णायक समितियों द्वारा पुरस्कार के लिये सर्वसम्मति से श्रेष्ठ झाँकियों और अखाड़ों का चयन किया गया। झांकी में हुकमचंद मिल की श्रीकृष्ण और इंद्र देवता का युद्ध झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इसी तरह अखाड़ों में चंद्रपाल उस्ताद व्यायामशाला और छोगालाल उस्ताद व्यायामशाला को प्रथम स्थान मिला। इसी तरह महिला वर्ग का विशेष पुरस्कार रामनाथ गुरू शस्त्र कला व्यायामशाला को दिया गया।

कलेक्टर आशीष सिंह ने बुधवार को चल समारोह सुचारू रूप से सम्पन्न होने पर इंदौर के नागरिकों, व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों, झाँकी आयोजकों और अखाड़ों के सदस्यों तथा मीडियाकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया है।

झाँकी निर्णायक समिति द्वारा अनुशंसित निर्णय

- प्रथम पुरस्कार - हुकमचंद मिल- (श्रीकृष्ण और इंद्र देवता का युद्ध)

- द्वितीय पुरस्कार - राजकुमार मिल- (मोटू पतलू की जोड़ी) और कल्याण मिल- (राष्ट्रीय एकता का संदेश)

- तृतीय पुरस्कार - मालवा मिल- (श्रीकृष्ण द्वारा माखन चोरी)

- विशेष पुरस्कार - स्वदेशी मिल- (कुंभकरण को जगाने का प्रयास) और होप टेक्सटाइल भण्डारी मिल- (पुत्र गणेश को जीवित देखकर माँ पार्वती आंनद मग्न हुई)

प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी परम्परा के निर्वहन में दिये जा रहे मिलों के महत्वपूर्ण योगदान के मद्देनजर पुरस्कार चयन में केवल मिलों की झांकियों को ही शामिल किया गया था।

अखाड़ों के पुरस्कार

चल समारोह में अखाड़ों तथा व्यायाम शालाओं के युवाओं द्वारा हैरत अंगेज प्रदर्शन तथा करतब दिखाये गये। शस्त्र कला की विधा को अखाड़ों तथा व्यायामशालाओं के कलाकारों ने इतनी विविधताओं तथा बारीकियों के साथ प्रस्तुत किया कि दर्शक देखते रह गये। निर्णायक समिति ने इस बार दो विधाओं बंदिश तथा बल्लम (भाला) वर्ग में सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार के लिये अखाड़ों का चयन किया। अखाड़ा निर्णायक समिति द्वारा इन प्रस्तुतियों की उत्कृष्टता के आधार पर निम्नानुसार निर्णय अनुशंसित किये गये हैं।

बंदिश वर्ग

- प्रथम - चंद्रपाल उस्ताद व्यायामशाला

- द्वितीय - हीरालाल उस्ताद व्यायामशाला और महावर कोली समाज व्यायाम शाला

- तृतीय - सार्वजनिक अहिरवार चैतन्य व्यायामशाला

- विशेष - - चिमनलाल उस्ताद व्यायाम शाला

बल्लम(भाला) वर्ग

- प्रथम - छोगालाल उस्ताद व्यायामशाला

- द्वितीय - ब्रजलाल उस्ताद व्यायामशाला शंकरगंज और बिंदा गुरू व्यायामशाला

- तृतीय - बाबूसिंह उस्ताद व्यायामशाला

- विशेष - गुरू रविदास व्यायामशाला

- महिला वर्ग विशेष- रामनाथ गुरू शस्‍त्र कला व्यायामशाला

बालक वर्ग

- प्रथम - कार्तिक राजपूत (लोधी पंच व्यायामशाला)

- द्वितीय - आशीष कदम(पवन पुत्र व्यायामशाला तिल्लौर) तथा - प्रिंस यादव (गुरूदास व्यायामशाला बड़ा गणपति)

- तृतीय - सुदर्शन( मुलचंद उस्ताद व्यायामशाला)

- विशेष - धीरज कौशल (गाजी गुरू व्यायामशाला)

बालिका वर्ग

- प्रथम - प्रतिष्ठा हार्डिया (एकलव्य व्यायामशाला)

- द्वितीय - दिशा गाजरिया (महावीर व्यायामशाला इतवारिया बाजाार) तथा जिया यादव (डमरू उस्ताद व्यायामशाला)

- तृतीय - आयुषी वर्मा (कल्लन गुरू व्यायामशाला)

- विशेष - क्रिजंल प्रजापत (गुरू मोहन सिंह उस्ताद व्यायामशाला)

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story