इंदौरः फूठी कोठी पर अब पुरातत्व विभाग का होगा मालिकी हक
इंदौर, 14 मार्च (हि.स.)। होलकर शासनकाल में बनी फूठी कोठी पर अब पुरातत्व विभाग का मालिकी हक होगा। जल्दी ही इसका नोटिफिकेशन होगा। 40 साल पहले होलकर परिवार के एक ट्रस्ट ने इसे बेच दिया था। तब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की इस सौदे में बड़ी भूमिका सामने आई थी, लेकिन प्रशासन तीन साल से फिर इस जमीन को पाने में जुटा हुआ था।
गुरुवार को राजवाड़ा की कला विथिका का शुभारंभ करने आई पूर्व मंत्री व महू विधायक उषा ठाकुर ने अफसरों को बताया कि जल्दी ही फूठी कोठी का प्रदेश सरकार के राजपत्र में प्रकाशन हो जाएगा। वह पुरातत्व विभाग की संपत्ति होगी। वहां के लिए योजना बनाकर तैयार रखे।
इस संबंध में पुरातत्व विभाग के संयुक्त संचालक प्रकाश पराजंपे का कहना है कि पहले फूठी कोठी को लेकर प्रारुप का प्रकाशन किया गया था। तब दावे-आपत्तियों को आंमत्रित किया गया था। उनके निराकरण के बाद गजट नोटिफिकेशन होगा। फूठी कोठी परिसर में फिहहाल पुखराज पैलेस मैरेज गार्डन संचालित हो रहा है। मैरेज गार्डन प्रबंधन का इस बारे में कहना है कि हमें फिलहाल इस मामले में कोई जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि फूठी कोठी का निर्माण वर्ष 1886 में होलकर शासनकाल में शुरू कराया गया था। महाराजा तुकोजीराव चाहते थे कि इस फूठी कोठी से अंग्रेजों की महू सैन्य छावनी पर नजर रखी जा सके और आवश्यकता होने पर यहां से हमला भी किया जा सके। इसकी भनक अंग्रेजों को लगी तो उन्होंने निर्माण रुकवा दिया। दो मंजिला इमारत में खुली छत और अधूरी सीढि़या इस फूठी कोठी की पहचान है।
लंबे समय तक विरान होने के कारण क्षेत्र के लोग इसे भूतिया कोठी भी कहने लगे थे। लोगों का डर दूर करने के लिए फूठी कोठी में मंदिर भी बनवाए गए। बीते दस वर्षों से इसका उपयोग मैरेज गार्डन के रुप में होने लगा था। इसे बनवाने के लिए इंग्लैड से राज मिस्त्री आए थे, लेकिन वे अपना काम पूरा नहीं कर सके।
पूर्व मंत्री उषा ठाकुर का कहना है कि फूठी कोठी शहर की पुरातत्व धरोहर है। उसे कई पहले देखने जाते थे, लेकिन उसे निजी हाथों में बेच दिया गया था। उसका व्यावसायिक उपयोग होने लगा था, लेकिन अब वह पुरातत्व विभाग की संपत्ति होगा। पिछली सरकार में जब मैं विभाग की मंत्री थी। तब इसके लिए सारी कवायद हो चुकी है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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