मप्रः चार दिवसीय छठ महापर्व की शुक्रवार को नहाय खाय से होगी शुरुआत
इंदौर, 16 नवंबर (हि.स.)। लोक आस्था के पर्व छठ महोत्सव की शुरुआत शुक्रवार, 17 नवंबर को नहाय खाय से होगी। इस दिन प्रातः काल से ही छठ व्रतियों एवं उनके परिजनों द्वारा घर की सफाई कर उसे शुद्ध किया जाएगा। उसके पश्चात छठव्रती स्नान कर शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करेंगी। व्रती के भोजन ग्रहण करने के बाद घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करेंगे। नहाय खाय के दिन व्रती गेहूं धोने और सुखाने का काम करेंगी।
शनिवार को होगा खरना
छठ महापर्व के दूसरे दिन शनिवार, 18 अक्टूबर को खरना का आयोजन होगा, जिसके अंतर्गत सुबह व्रती स्नान ध्यान करके पूरे दिन का व्रत रखेंगे। इसी दिन संध्याकाल व्रतियों द्वारा मिट्टी के बने नए चूल्हे आम की लकड़ी से पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर एवं गेहूं की रोटी का प्रसाद का भोग लगाया जाएगा। इस प्रसाद को ग्रहण करने के पश्चात छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा। खरना के अगले दिन छठ व्रतियों के घरों में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद भी बनाया जाएगा।
रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को दिया दिया जाएगा
छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार, 19 नवंबर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को व्रती महिलाएं एवं पुरुष अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देंगे। छठ महापर्व का समापन 20 नवंबर (सोमवार) को श्रद्धालुओं द्वारा उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात समाप्त होगा।
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह, महासचिव केके झा ने बताया कि इस वर्ष पूरे शहर में 120 से अधिक छठ घाटों पर छठ महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। शहर भर में फैले छठ आयोजन समितियों द्वारा अपने अपने क्षेत्रों के छठ घाटों की साफ सफाई अपने अंतिम चरण में है। गुरुवार को विजय नगर के स्किम न 54 स्थित छठ घात की सफाई इंदौर नगर निगम के सभापति मुन्नालाल यादव की अगुवाई में पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में की गई।
ज्ञात हो शहर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष स्कीम न 54, 78, बाणगंगा, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, समर पार्क, अमृत पैलेस, पिपलियाहाना तालाब, शंखेश्वर सिटी, एरोड्रम रोड, कैट रोड सूर्य मंदिर, कालानी नगर, सिलिकॉन सिटी, देवास नाका, निपानिया, राऊ, पीथमपुर सहित 120 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा आयोजन होता है। जहां शहर में रह रहे पूर्वांचल - विशेष रूप से बिहार, झारखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुगण डूबते एवं उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश
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