अनूपपुर: जिले में हाथी के प्रवेश की संभावना पर वन विभाग कर रहा रोकथाम का प्रयास
अनूपपुर, 26 मई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के मरवाही वन परिक्षेत्र में गत वर्ष आए पांच नर हाथियों के समूह का एक नर हाथी विगत एक सप्ताह से छग और मप्र सीमा पर निरंतर विचरण कर रहा है। इसके अनूपपुर जिले में प्रवेश को रोकने के उद्देश्य वनविभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश अनुसार चोलना बीट के गूजरनाला के समीप रोकथाम हेतु व्यवस्था की गई है तथा समय-समय पर ग्राम पंचायत चोलना, कुकुरगोड़ा एवं हाथियों के आने-जाने वाले क्षेत्रों में मुनादी के माध्यम से ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि जुलाई 2023 में पांच हाथियों का दल छत्तीसगढ़ के कटघोरा वन मंडल से विचरण करता हुआ मरवाही वन परिक्षेत्र की सीमा को पार करते हुए मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले की जैतहरी तहसील एवं वन परिक्षेत्र की सीमा में ग्राम पंचायत चोलना के गूजरनाला को पार करते हुए निरंतर पांच, तीन, दो एवं एक की संख्या के साथ एक वर्ष से अधिक समय तक अनूपपुर जिले के साथ सीमावर्ती जिले शहडोल, उमरिया के विभिन्न अंचलों में विचरण करते कर खेत, खलिहानों में लगे, घरों में रखें अनाजों के साथ कई कच्चे एवं पक्के मकान में तोड़फोड किया था, जिससे शहडोल संभाग के सभी जिले प्रभावित रहे हैं। हाथियों के निरंतर विचरण से जिले में तीन ग्रामीणों की हाथियों के हमले से मौत हुई थी। जबकि अनेक ग्रामीण हाथियों के हमले से घायल हुए थे।
ग्रामीणों की मांग पर राज्य शासन की निर्देशानुसार दो हाथियों को रेस्क्यू दल कर राष्ट्रीय उद्यान भेजा गया था। जिसमें एक नर हाथी का वन परिक्षेत्र जैतहरी के गोबरी बीट में तथा एक नर छोटे हाथी का जयसिंहनगर क्षेत्र में बांधवगढ़ एवं सीधी टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू दल द्वारा सफलता पूर्वक रेस्क्यू करते हुए कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जिला उमरिया में रखा गया है।
वहीं पांच सदस्यी हाथियों के दल का चौथा सदस्य एक दांत वाला हाथी विचरण करते हुआ छत्तीसगढ़ के कटघोरा मंडल से विगत एक सप्ताह पूर्व अनूपपुर जिले की सीमा से 15 से 20 किलोमीटर की दूरी मरवाही वन परिक्षेत्र के घुसरिया बीट में निरंतर विचरण कर रहा है। इसके अनूपपुर जिले के जैतहरी वन परिक्षेत्र में प्रवेश करने की संभावना को देखते हुए वन परिक्षेत्र जैतहरी के चोलना बीट के गूजरनाला चिली फेंसिंग कराया है तथा समय-समय पर हाथियों के विचरण के रास्ते में पढ़ने वाले ग्रामों में मुनादी के माध्यम से ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है तथा मरवाही के घुसरिया बीट मे निरंतर नजर बनाए रखे हुए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला/मुकेश
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