पगारा, कोतवाल, पिलुआ बांधों के 15 वर्ष बाद गेट खुलने से आया पानी का सैलाव
मुरैना, 13 सितंबर (हि.स.)। जिले के सभी बांधों के ओवर फ्लो होने से गेट खोल दिये गये। जिससे नदियों में पानी का सैलाव दिखाई दे रहा है। ग्वालियर के तिघरा बांध के लगातार गेट खुले होने के कारण मुरैना जिले की सांक नदी का जल स्तर अत्यधिक होकर जिले का पिलुआ बांध ओवर फ्लो हो गया है। जंगल व पहाड़ी क्षेत्रों में हुई वर्षा का प्रभाव जिले के साथ-साथ ग्वालियर के बांध में भी देखा गया है। मुरैना जिले के पगारा बांध एफटीएल 654 फीट है। यह लगभग 15 वर्षों के बाद 658 फीट तक पहुंच गया। लगभग डेढ़ दशक बाद इस बांध के ऑटोमेटिक गेट खुलना आरंभ हो गये। पगारा बांध के 6 गेट लगातार खुले होने से बीते 24 घंटों में प्रति सैकेंड 20 हजार क्यूसेक पानी निकलने से जिले का कोतवाल बांध 15 साल बाद ओवर फ्लो हो गया। इसके 10 गेट विगत 12 घंटे से खुले हुये हैं।
बांधों के ओवर फ्लो होने से जिले की सांक और आसन नदियां तटों को तोडक़र जंगल बीहड़ और गांवों की ओर जा रहीं हैं। इसी तरह चम्बल नदी का जल स्तर आज सुबह 134 मीटर पर पहुंच गया जो कि खतरे के निशान से 4 मीटर नीचे हैं। पहाडग़ढ़ क्षेत्र के जंगल और पहाड़ों पर हुई तेज वर्षा का प्रभाव क्वारी नदी में देखा गया। विगत 8 दिवस से क्वारी नदी सभी रपटों के ऊपर चल रही है। इसी तरह ग्वालियर के तिघरा बांध भी कई वर्षों बाद ओवर फ्लो हुआ। गेट खुलने से पानी सांक नदी में आ गया। जिसका प्रभाव जिले से गुजर रही सांक नदी के एक दर्जन से अधिक गांव सहित पिलुआ बांध में दिखाई दिया। इस बांध के 15 गेट बीते 24 घंटे से खुले हुये हैं।
मुरैना जिले में औषत वर्षा 709 मिमी से अधिक है। इस बार 817 मिमी वर्षा हो चुकी है। इस वर्षा का प्रभाव अत्यधिक होने के कारण जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक कक्षाओं में अवकाश घोषित कर दिया है। मौसम विभाग के आगामी 3 दिवस तक वर्षा का रेडअलर्ट होने के कारण स्कूलों का अवकाश 14 सितंबर तक रहेगा। विगत 48 घंटों में कई दशकों के बाद धीमी गति से बारिश हुई थी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कई कच्चे मकानों में दरारें आ गईं। कुछ मकानों के गिरने की खबर है, लेकिन कोई जन हानि नहीं हुई है। प्रशासन व पुलिस ने सभी रपटों पर आवागमन प्रतिबंधित कर मार्ग को कटीलें झांड एवं बेरीकेट्स लगाकर बंद करा दिया है। वहीं इन मार्गों पर ग्राम पंचायत व राजस्व का अमला आवागमन रोकने के लिये तैनात कर दिया है। एसडीआरएफ दल भी किसी भी अनहोनी घटना के लिये तैयार किये गये हैं।
इस संबंध में गोहद जिला भिण्ड सिंचाई विभाग के एसएडीओ आरए यादव का कहना है कि कोतवाल डेम के 9 गेट बीते 12 घंटे तक खुले रहे थे। आज सुबह से ही 10वां गेट खोला गया है। पगारा बांध से आने वाला पानी 24 घंटे में कोतवाल बांध तक का सफर तय कर रहा है, जितना पानी पगारा बांध से रिलीज किया जा रहा है उतना ही पानी कोतवाल बांध से आसन नदी में छोड़ा जा रहा है। बांध पर सुरक्षा के लिये प्रशासन व पुलिस के साथ सिंचाई विभाग का अमला भी तैनात किया गया है।
एडीएम मुरैना सीबी प्रसाद का कहना है कि विगत 48 घंटे से हो रही बारिश का प्रभाव सभी क्षेत्रों में देखा जा रहा है। नदियों में पानी के सैलाव से रपटों पर पानी निकल रहा है। इन पर आवागमन पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। पानी में फसने की खबर मिलते ही एसडीआरएफ दल रेस्क्यू के लिये पहुंच रहा है। पगारा बांध के ओवर फ्लो में डूबे युवक का शव आज सुबह बरामद कर लिया है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा
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