सीहोरः कुबेरेश्वरधाम पर उमड़ा आस्था का सैलाब, नेपाल से आए भक्तों ने लगाया रुद्राक्ष का पौधा

सीहोरः कुबेरेश्वरधाम पर उमड़ा आस्था का सैलाब, नेपाल से आए भक्तों ने लगाया रुद्राक्ष का पौधा
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सीहोरः कुबेरेश्वरधाम पर उमड़ा आस्था का सैलाब, नेपाल से आए भक्तों ने लगाया रुद्राक्ष का पौधा


सीहोर, 13 फरवरी (हि.स.)। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में इन दिनों आस्था का महाकुंभ लगा हुआ है। मंगलवार को प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के निर्देशानुसार पंडित विनय मिश्रा सहित अन्य ने नेपाल से आए भक्तों के दल के साथ रुद्राक्ष का पौधा लगाया गया।

इसके अलावा मंदिर परिसर में विभिन्न प्रजाति के एक दर्जन से अधिक पौधों का रोपण किया व पौधरोपण करने से वातावरण में होने वाले फायदे बताते हुए उनकी रक्षा करने की बातें कही। सभी लोगों ने पौधारोपण कर पर्यावरण को सुरक्षित व स्वच्छ रखने का प्रयास किया जा रहा है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने पौधारोपण करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपने परिवार के सभी सदस्यों के नाम पर पौधे अवश्य लगाना चाहिए।

विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि मंगलवार को सुबह धाम पर विधि-विधान से पूजा अर्चना के पश्चात शाम को बाबा की आरती की गई एवं कंकर शंकर वाले स्थान पर चंदन, रुद्राक्ष और शमी के पौधे का रोपण किया गया।

नेपाल से आए दल ने बताया कि रुद्राक्ष एक देववृक्ष है। यह जीवनरक्षक है। साथ ही इसका धार्मिक महत्व भी है। रुद्राक्ष के साथ ही अन्य पौधों का भी रोपण करना चाहिए। साथ ही पेड़-पौधों की रक्षा भी करनी चाहिए। यदि पेड़-पौधे नहीं होंगे तो धरती जीव विहीन हो जाएगी। न हवा चलेगी न वर्षा होगी। ऐसे में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पुराणों से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों तक रुद्राक्ष का बहुत मान्यता है। रुद्राक्ष के अलग-अलग प्रकार होते हैं और इसे बहुत पवित्र माना जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा

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