मप्र विधानसभा जीतने वाले पांच सांसदों ने संसद की सदस्यता से दिया इस्तीफा
भोपाल, 6 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बने दो केंद्रीय मंत्रियों समेत पांच सांसदों ने संसद की सदस्यता छोड़ दी है। उन्होंने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफा देने वाले सांसदों में दो केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हैं। दोनों को मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल माना जा रहा है। वहीं, तीन सांसद रीति पाठक, राव उदय प्रताप सिंह और राकेश सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है। इस्तीफा देने के बाद पटेल और तोमर एक साथ भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर पहुंचे। वहां वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने सात सांसदों को उम्मीदवार बनाया था। केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते को मंडला की निवास सीट से और सतना में सांसद गणेश सिंह को पराजय का सामना करना पड़ा है। यह दोनों ही सीटें 2018 में कांग्रेस के पास थी। वहीं, पार्टी ने प्रहलाद पटेल को नरसिंहपुर सीट, नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना की दिमनी, रीति पाठक को सीधी, राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम और राव उदय प्रताप सिंह को गाडरवारा विधानसभा सीट पर उम्मीदवार बनाया गया था। गणेश सिंह और कुलस्ते को छोड़कर शेष पांचों सांसद चुनाव जीतकर विधायक निर्वाचित हुए हैं।
तीन दशक का अनुभव जिदंगी में काम आएगाः प्रहलाद पटेल
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अपनी पार्टी का ह्दय से धन्यवाद करता हूं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आशीर्वाद लिया। इसके बाद लोकसभा से त्यागपत्र अध्यक्ष को दिया है। उन्होंने कहा कि बहुत छोटी उम्र में संसद में आया था। यहां का तीन दशक का अनुभव है, जो जीवन का बहुत बड़ा है। यह अनुभव आने वाली जिंदगी में मुझे काम आएगा ऐसा मैं विश्वास करता हूं। उन्होंने प्रधानमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस नियम के चलते देना पड़ा इस्तीफा
दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 101 (2) में प्रावधान है कि विधायक बनने के नोटिफिकेशन जारी होने के 14 दिन के भीतर सांसद को इस्तीफा देना होगा। इसी तरह यदि कोई विधायक लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बनता है तो उसे दस दिन में एक सदन से इस्तीफा देना होगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो उसकी सदस्यता खुद-ब-खुद खत्म हो जाती है। इस नियम का पालन करने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक और राकेश सिंह को अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा
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