बुरहानपुरः पांगरी बांध परियोजना के विरोध में किसानों का अनोखा प्रदर्शन, मुंह काला कर बने मुर्गा

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बुरहानपुरः पांगरी बांध परियोजना के विरोध में किसानों का अनोखा प्रदर्शन, मुंह काला कर बने मुर्गा


बुरहानपुर, 11 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की पांगरी बांध परियोजना से प्रभावित किसान पिछले दो सालों से लगातार विरोध कर रहे हैं। गुरुवार को किसानों ने विरोध का एक और अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने अपने मुंह पर कालिख पोती, मुर्गा बनकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया और न्याय की मांग की।

जानकारी के अनुसार, परियोजना के विरोध में क्षेत्र के किसान बड़ी संख्या में उतावली नदी किनारे जुटे और किसानों ने कोयले की कालिख लगाकर प्रतीकात्मक रूप से अपना मुंह काला किया और मुर्गा बनकर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यह तरीका सरकार और प्रशासन की उदासीनता को उजागर करने के लिए अपनाया गया है। प्रदर्शन में नंदू पटेल, मान्या भिलावेकर, रामदास महाराज, माधो नाटो, बद्री वास्कले, राहुल राठौड़, ओमप्रकाश, मामराज, किशोर सुमला, नीतीश श्रॉफ, संजय चौकसे सहित कई किसान मौजूद रहे।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे डॉ. रवि कुमार पटेल ने आरोप लगाया कि पांगरी बांध परियोजना के किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिला। प्रशासन ने किसानों की बार-बार की अपीलों के बावजूद समाधान नहीं किया। इसी कारण किसानों को मजबूरी में अजीबो-गरीब तरीकों से आंदोलन करना पड़ रहा है। किसानों ने दोहराया कि जब तक मुआवजा राशि बढ़ाकर कानून के अनुरूप नहीं दी जाएगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण उन्हें बार-बार विरोध के नए तरीके अपनाने पड़ रहे हैं।

गौरतलब है कि 145.10 करोड़ रुपये लागत वाली पांगरी बांध परियोजना को वर्ष 2022 में प्रशासकीय स्वीकृति मिली। इससे 4400 हेक्टेयर में सिंचाई का लाभ मिलेगा परियोजना में 300 किसानों की 287 हेक्टेयर जमीन डूब में गई। पंचायत ने 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा तय किया, लेकिन किसानों की मांग है कि भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार 15 लाख से अधिक मिलना चाहिए। किसान पिछले दो साल से विरोध कर रहे हैं। रविवार को भी यहां ‘ओम फट स्वाहा’ आंदोलन हुआ था।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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