कृषक जैविक एवं प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दें : गृह मंत्री डा. मिश्र
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में कृषकों के हित में लिये गए ऐतिहासिक निर्णय
दतिया, 19 मार्च (हि.स.)। गृह एवं जेल मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री कृषक सम्मन निधि योजना के तहत् प्रदेश में प्रत्येक किसान को प्रति वर्ष 10 हजार के मान से पिछले पांच वर्षो में कुल 50 हजार की राशि प्रदाय की गई है। कृषकों को इस प्रकार की सम्मान निधि राशि इसके पूर्व किसी भी सरकार द्वारा नहीं दी गई है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे जैविक और प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दें।
गृह मंत्री डा. मिश्र रविवार को दतिया में किसान मेला एवं किसान सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे है। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय सांसद संध्या राय ने की। गृह मंत्री डा. मिश्र ने इस दौरान कृषि के क्षेत्र में नये-नये नवाचार करने एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले लगभग एक हजार कृषकों को कृषि सेवा मेडल से भी नवाजा।
गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के कल्याण के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत् प्रत्येक कृषक परिवार को प्रतिवर्ष 10 हजार रुपये के मान से पांच वर्षो में 50 हजार रुपये की राशि प्रदाय की जा चुकी है, जबकि इस प्रकार की कृषक सम्मान राशि किसी भी पूर्व सरकार द्वारा किसानों को नहीं दी गईं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू की है, जिसके तहत् प्रत्येक बहना को एक वर्ष में एक हजार रुपये प्रतिमाह के मान से 12 हजार रुपये की राशि जून माह से प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन योजना की राशि भी अब 600 रुपये के स्थान पर एक हजार रुपये प्रतिमाह मिलेगी। कृषक सम्मान निधि में 10 हजार इस प्रकार एक किसान के परिवार को प्रतिवर्ष 32 हजार रुपये की सहायता राशि प्राप्त होगी।
उन्होंने कहा कि जिले के कई किसान अपनी मेहनत, लगन तथा शासन से मिले तकनीकी सहायता से कृषि के क्षेत्र में अधिक उत्पादान लेकर अपनी आय में दो से तीन गुना इजाफा किया है। इस दिशा में किसान अधिक उत्पादन लेने हेतु कृषि के क्षेत्र में सार्टकट रास्ता अपना रहे है। जबकि उन्हें आधुनिक खेती के साथ-साथ प्राकृतिक एवं जैविक खेती पर भी ध्यान देना होगा, जिससे गौ-वंश को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से बने गौ-काष्ट को चंदन की लकड़ी के समान पवित्र माना गया है। बड़े शहरों के मुक्ति धामों में अंतिम संस्कार के दौरान गौ-काष्ट का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में दतिया की हनुमानगढ़ी गौ-शाला में गौ-काष्ट का निर्माण किया जा रहा है। अतः किसान भाई गोबर का उपयोग मशीन के माध्यम से गौ-काष्ट बनाने में उपयोग करें।
सांसद संध्या राय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषकों के हित में देश में ऐतिहासिक कदम उठाये गए हैं। कृषकों के कल्याण के लिए देश में अनेको योजनायें संचालित कर बजट में कृषि विकास एवं कृषकों के कल्याण के लिए अधिक राशि रखी गई है। केन्द्र एवं म.प्र. सरकार ने किसानों के हित में नीतियों एवं नियमों में परिवर्तन किया है। जिससे अधिक से अधिक किसानों तथा उनके परिवारों को योजनाओं का लाभ मिल सके।
उन्होंने कृषकों से कहा कि आधुनिक खेती के साथ-साथ मोटे अनाज (मिल्ट) की खेती को भी बढावा देना है। मोटे अनाज पोषण तत्वों से भरपूर होते हैं। इस वर्ष को मिल्ट वर्ष मनाने का निर्णय लिया है। जिले के कृषकों की मेहनत से 1200 करोड़ के अनाज का उत्पादन किया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / डा. मयंक
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