चारा, भूसा का जिले से बाहर निर्यात और ईंधन के रूप में उपयोग करना प्रतिबंधित

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चारा, भूसा का जिले से बाहर निर्यात और ईंधन के रूप में उपयोग करना प्रतिबंधित


आगरमालवा, 4 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के आगरमालवा जिले में पशुओं के लिये वर्षभर भरण पोषण हेतु चारा और भूसा की उपलब्धता बनाये रखने हेतु कलेक्टर प्रीति यादव के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर आरपी वर्मा द्वारा भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 163 के तहत् आदेश जारी कर चारा, भूसा का जिले से बाहर निर्यात एवं ईंधन के रूप में उपयोग करना प्रतिबंधित किया है।

गुरुवार को जारी आदेशानुसार जिले की राजस्व सीमा अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति या संस्थान द्वारा सुखला, घास, भूसा (सोयाबीन एवं अन्य फसल), कड़बी (ज्वार मक्का के डंठल)) आदि सहित समस्त पशु चारा जिले के बाहर निर्यात नहीं किया जाएगा। उद्योगों, फैक्ट्र्रीयों के बायलरों, ईंट भट्टों आदि में पशु चारा, भूसा का ईंधन के रूप में उपयोग नहीं किया जाएगा। भूसा तथा चारे का युक्ति संगत मूल्य से अधिक पर किसी भी व्यक्ति द्वारा क्रय-विक्रय करना एवं कृत्रिम अभाव उत्पन्न करने के लिये अनावश्यक रूप से संग्रहण करना प्रतिबंधित होगा। ईंधन उपयोगी भूसे का स्टॉक के लिये लायसेंसधारी उद्योग ही स्टॉक कर सकेंगे, इसकी सुरक्षा की समस्त जवाबदारी संबंधित लायसेंसधारी की रहेगी, जिसे प्रतिबंधित अवधि में जिले के बाहर नहीं ले जाया जा सकेगा। यह आदेश आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा। इस अवधि में उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रितेश शर्मा

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