स्वाधीनता आंदोलन विषय पर आधारित दुर्लभ अभिलेखों व छायाचित्रों की प्रदर्शनी शुरू
- छायाचित्रों में दिखा स्वतंत्रता संग्राम का ओज
जबलपुर, 27 जनवरी (हि.स.)। संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय के तत्वावधान में शनिवार को 20वीं सदी में मध्यप्रदेश में स्वाधीनता आंदोलन विषय पर आधारित दुर्लभ अभिलेखों एवं छायाचित्रों की तीन दिवसीय प्रदर्शनी आरंभ हुई। रानी दुर्गावती संग्रहालय की कला विथिका में संभागायुक्त अभय वर्मा ने प्रदर्शनी का उदघाटन करते हुए बताया कि स्वाधीनता संग्राम में विचारों के प्रसार के विभिन्न माध्यमों ने ब्रितानिया हुकूमत को परेशान कर दिया था। इस अवसर पर उपसंचालक केएल डाभी आदि भी उपस्थित थे।
प्रदर्शनी का अवलोकन करने लिए विभिन्न शालाओं के 450 छात्र-छात्राएं पहुंचे ।संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय आयुक्त उर्मिला शुक्ला ने बताया कि यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी जबलपुर के साथ अभिलेखागार भोपाल में भी आयोजित की गई है। उन्होंने बताया कि 20वीं सदी में मध्यप्रदेश में स्वाधीनता आंदोलन 1920 से 1947 विषय पर आधारित दुर्लभ अभिलेखों एवं छायाचित्रों को तीन खंडों में प्रदर्शित किया गया है। 1920 का असहयोग आंदोलन, 1930 का सविनय अवज्ञा आंदोलन और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़े संस्मरणों को प्रदर्शित किया गया है।
जबलपुर तथा भोपाल में आयोजित प्रदर्शनी में उपसंचालक अभिलेखागार, निलेश लोखंडे, पुरालेख अधिकारी पी.एस. मीणा, सहायक पुरालेख अधिकारी,दीलबर सिह, राजकुमार रौसल्या, पी.के.राव, घनश्याम, पप्पू बेगा, अभिषेक शर्मा, धीरज उपलेंचवार, जीतेश पाटिल, शिवभरत श्रीवास्तव आदि का सहयोग रहा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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