पर्यावरण संरक्षण शासन की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

पर्यावरण संरक्षण शासन की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
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पर्यावरण संरक्षण शासन की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री डॉ. यादव


भोपाल, 20 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पृथ्वी को बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण संरक्षण गतिविधियां राज्य शासन की प्राथमिकता है। पर्यावरण की रक्षा से संबंधित विशेषज्ञों के प्राप्त सुझावों पर राज्य शासन द्वारा आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। प्रदेश के नगरों में आमजन को पौधरोपण के लिए विभिन्न नर्सरी के माध्यम से पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। नगरी और ग्रामीण निकायों द्वारा हरीतिमा के विकास के लिए स्थान सुरक्षित किए जाएंगे। इसके साथ ही सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा और सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ यादव मंगलवार को रविन्द्र सभागम में पर्यावरण सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भोपाल में पर्यावरण सम्मेलन में पधारे पर्यावरण विद् और धर्मगुरू पर्यावरण की रक्षा के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। भारत की संस्कृति प्रकृति से जुड़ी है। हमारी जीवन शैली पेड़ पौधों और वनों के सम्मान का आव्हान करती है। हम वसुधा को परिवार मानते हैं। प्राचीन साहित्य की रचना भोज पत्रों पर हुई। आम के पत्तों से हम मंगल द्वार सजाते हैं। जिस देश को परमात्मा ने प्रकृति से जोड़ा है, वह देश विश्व को भी नया संदेश दे रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का यश विश्व में बढ़ रहा है। मोदी ने यह उदाहरण स्थापित किया कि जहां दुनिया के कई देश ताकत के बल पर सत्ता के विस्तार में लगे हैं, वहीं भारत शांति का संदेश विश्व को दे रहा है। कोविड के समय अन्य राष्ट्रों को औषधियां बांटने और पर्यावरण क्षेत्र में सभी के सहयोग से अच्छे परिणाम लाने का संकल्प प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व क्षमता का परिचायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में होने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण अभियान से जुड़े हैं। वे हमारे आदर्श हैं। उनके द्वारा गत तीन वर्ष से प्रतिदिन पौधा लगाने का कार्य प्रेरक है।उन्होंने विभिन्न समाजों, बच्चों और बुजुर्गों सभी को पौध रोपण से जोड़ा है। मध्यप्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक कार्य करेगी।

उन्होंने पर्यावरण सम्मेलन के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि आज यहां देश के अनेक पर्यावरण विद् धर्मगुरु और जनप्रतिनिधि आए हैं। डॉ. यादव ने कहा कि प्रतिदिन एक पेड़ लगाने के कार्य से शिवराज सिंह ने अनेक को जोड़ा, यह हमारे लिए प्रेरणा की बात है। नागरिक अपनी जन्म वर्षगांठ या अन्य अवसर पर पेड़ लगाना चाहें तो उन्हें वृक्ष बैंक के माध्यम से पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए सोलर पैनल की स्थापना के लिए नागरिकों को पूरा सहयोग मिलेगा। प्रदेश में सांची सोलर सिटी की पहचान बनी है। इस कार्य का विस्तार अन्य नगरों एवं ग्रामों में होगा।

शिवराज ने नागरिकों को दिलवाया संकल्प, रोज एक पेड़ लगाएंगे

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज यहां नागरिकों ने वर्ष में कम से कम एक पेड़ लगाने, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वर्ष 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने में सहयोग, घरों में सोलर पैनल की स्थापना, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने और बेटा-बेटी से समान व्यवहार करने का संकल्प लिया है। प्रत्येक नगर और ग्राम में पर्यावरण के प्रति सजग नागरिकों की एक टीम तैयार कर सरकार और समाज के संयुक्त प्रयासों में सहयोग का संकल्प भी लिया गया है। धरती को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे प्रयास आवश्यक हैं। चौहान ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश प्रगति पथ पर आगे बढ़ेगा। चौहान ने पर्यावरण में आए विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने नागरिकों को रोज एक पेड़ लगाने का संकल्प दिलवाया।

पर्यावरण विशेषज्ञों के संबोधन

आमंत्रित पर्यावरणविद् पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि आज विकसित देश अनेक कष्टों से गुजर रहे हैं। प्रकृति के प्रति सभी को गंभीर होना चाहिए। मध्यप्रदेश में आर्थिक विकास की तरह प्रकृति के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों का लेखा-जोखा रखा जा रहा है, जो अनुकरणीय है।

प्रख्यात गीतकार समीर अंजान ने कहा कि उन्होंने सर्वाधिक गीत लिखने के कीर्तिमान बनाने के बाद अब यह संकल्प लिया है कि पर्यावरण पर केंद्रित गीत भी लिखेंगे। अर्जित आय का दस प्रतिशत हार्ट-फुलनेस जैसी संस्थाओं को देने का संकल्प भी लिया है। प्रख्यात पर्यावरण विद् एवं आध्यात्मिक गुरु कमलेश डी पटेल (दाजी) ने कहा कि भारतीय जीवन परम्परा में प्रकृति के सम्मान और संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण आदतें शामिल हैं। इनमें तुलसी या अन्य पौधे को सूर्यास्त के पश्चात न तोड़ने, पीपल और अन्य वृक्षों की पूजा भी शामिल है। जो फल हमें बेहतरीन स्वाद देते हैं, उन पेड़ों मनुष्य कुछ नहीं देता। पर्यावरण सम्मेलन में सनातन परिवार, गायत्री परिवार, माँ आशापुरा दरबार जैसी संस्थाओं का सहयोग सराहनीय है।

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि आज ग्लेशियर पिघल रहे हैं। यह विश्व के राष्ट्रों के लिए एक चेतावनी है। इसलिए आवश्यक है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं जिससे पर्याप्त प्राण वायु मिलती रहे। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान तीन वर्ष से प्रतिदिन पौधरोपण कर रहे हैं। यह कार्य एक आंदोलन बन चुका है। कार्यक्रम में परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, भोपाल की महापौर मालती राय, सांसद रमाकांत भार्गव, पूर्व सांसद आलोक संजर, सुमित पचौरी एवं अन्य जनप्रतिनिधि, हार्ट-फुलनेस संस्था और अन्य सामाजिक संस्थाओं के सदस्य, पदाधिकारी और पर्यावरण प्रेमी, नागरिक उपस्थित थे।

कार्यक्रम में ब्रह्मकुमारी दीदियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव, पूर्व मुख्यमंत्री चौहान और अन्य अतिथियों का अभिन्नदन किया है। रामचंद्र मिशन की ओर प्रकाशित दाजी की पर्यावरण संबंधी पुस्तक का विमोचन मुख्यमंत्री डॉ. यादव और पर्यावरण विद् जोशी ने किया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों एवं सभी उपस्थितों द्वारा आचार्य विद्यासागर जी के देवलोक गमन पर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा

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