भगवान श्री कृष्ण का समूचा जीवन हमारे लिए अनुकरणीयः मुख्यमंत्री डॉ यादव
- जन्माष्टमी के मौके पर अमझेरा में आयोजित श्री कृष्ण पर्व में शामिल हुए मुख्यमंत्री
धार, 25 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन के सांदीपनी आश्रम से शिक्षा, जानापाव में भगवान परशुराम से सुदर्शन ग्रहण कर पराक्रम के महत्व को निरूपित कर अमझेरा में रुक्मी को हराकर शौर्य का प्रदर्शन करने वाले भगवान श्री कृष्ण का समूचा जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है। यही कारण है कि राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों के विकास हेतु विशेष कार्य करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को जन्माष्टमी के मौके पर अमझेरा में आयोजित श्री कृष्ण पर्व को संबोधित करते रहे थे। कार्यक्रम में पंडित कमल किशोर नागर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर, विधायक नीना वर्मा व प्रताप ग्रेवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष सरदार सिंह मेड़ा, मनोज सोमानी, पूर्व मंत्री द्वय राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, रंजना बघेल, पूर्व सांसद छतरसिंह दरबार, पूर्व विधायक द्वय वेलसिंह भूरिया, मुकामसिंह किराड़े, जयदीप पटेल, कमल यादव उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि हर तीज त्यौहार हर्षोल्लास के साथ आयोजित किए जाएंगे। समाज का हर वर्ग इन्हें आनंद और उत्साह के साथ मनाए। उन्होंने कहा कि अमझेरा की धरती शौर्य और वीरता की धरती है। यहां के राणा बख्तावर सिंह ने जो लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी, वह अद्वितीय है। आज हम उसको आज भी स्मरण कर रहे हैं। यहाँ एक दो नहीं 28 लोगों ने अपना जीवन बलिदान करके हमारे मस्तक को गर्व से ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है। भगवान श्री कृष्ण को याद करें। उनका पूरा जीवन हमारे लिए पाथेय हैं। भगवान श्री कृष्ण ने जन्म से लेकर समूचे जीवन में विपत्तियों का सामना किया।
भगवान श्री कृष्ण को माखन चोर कहने वाले प्रसंग को मुख्यमंत्री डॉ यादव ने विस्तार से बताते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण की माता ने उनसे कहा था कि उनके लोगों के द्वारा बनाया गया माखन कंस के घर जाता है जो भगवान श्री कृष्ण का दुश्मन था। लिहाजा बृजवासियों का माखन कंस को नहीं जाए इसलिए वे माखन खा जाते थे और दोस्तों के साथ मटकी फोड़ देते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमझेरा को तीर्थ नगरी के रूप में विकसित किया जायेगा। जहां-जहां भगवान श्री कृष्ण और राम जी के पदचिह्न है, सरकार उन्हें विकसित करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार गोपालको को बढ़ावा देगी ,10 गायों से अधिक गाय पालने वाले गो पालको को अनुदान देगी। उनसे दूध ख़रीदा जायेगा। कांजी हाउस बंद करेंगे और जगह-जगह सरकार गौशालाएं खोलेगी। गाय के दूध उत्पादन पर सरकार बोनस देगी। उन्होंने कहा कि जब से उज्जैन में महाकाल लोक बना है तब से वहां पर पांच करोड लोग दर्शन करने के लिए साल में पहुंच रहे हैं। ऐसे केंद्रों का विकास करना सरकार की मंशा है। हम अमझेरा को भी विकसित करेंगे। मुख्यमंत्री ने मटकीफोड़ कार्यक्रम में भी भाग लिया। कार्यक्रम कों संत कमलकिशोर नागर जी ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने मांग की कि सरदारपुर और अमझेरा में खेल परिसर बनाया जाए। साथ ही यहां पर कृषि कॉलेज और इंदौर दाहोद रेलवे लाइन से अमझेरा को भी जोड़ा जाए। कार्यक्रम में पूर्व विधायक वेलसिंह भूरिया ने स्वागत भाषण दिया। मुख्यमंत्री ने उपस्थित बाल गोपालों को गोद में लेकर स्नेह से दुलार किया।मटकी फोड़ का कार्यक्रम भी हुआ। उन्होंने बाल गोपालों को माखन मिश्री भी प्रसाद के रूप में खिलायी। आरंभ में उन्होंने द्वीप प्रज्वलन और कन्या पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संभागायुक्त दीपक सिंह, आईजी अनुराग, कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, डीआईजी निमिष अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह मौजूद रहे।
अमझेरा के अमका झमका मंदिर पहुंच जन्माष्टमी पर्व पर मुख्यमंत्री ने की पूजा अर्चना
धार जिले की सरदारपुर तहसील के श्री कृष्ण भगवान से सम्बन्धित पौराणिक अमका झमका मंदिर में मुख्यमंत्री डॉ यादव श्री कृष्ण पर्व जन्माष्टमी महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। अमका झमका मंदिर का संबंध द्वापर युग से रहा है। मंदिर परिसर में पहुंचकर मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम द्वापर युगीन कृष्ण रुकमणि हरण स्थल के दर्शन किए, वे हरण स्थल पर स्थापित रथ पर भी बैठे। तत्पश्चात मुख्यमंत्री ने अंबिका माता मंदिर में जाकर पूजा एवं आरती की एवं प्रदेश के सुखद भविष्य की कामना की। इसके बाद उन्होंने प्रसिद्ध चामुंडा माता मंदिर में दर्शन करके पूजा अर्चना की। मंदिर प्रांगण से बाहर निकलने पर उन्हे उपस्थित जनसमूह एवं जनप्रतिनिधियों ने पौधे एवं अंबिका माता की प्रतिमा भेट की। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने अमझेरा के प्राचीन राजराजेश्वर महादेव मंदिर में भगवान के दर्शन करते हुए हर हर महादेव के जयकारों के बीच जलाभिषेक किया। उन्होंने मंदिर परिसर की प्राकृतिक सुंदरता की प्रशंसा की।
धार जिले का अमझेरा श्रीकृष्ण की लीला का साक्षी स्थल है। यहां हो रहे समारोह के पहले दिन 25 अगस्त को धार के आनंदीलाल भावेल एवं साथी कलाकारों ने लोकगायन पेश किया तो जबलपुर की लक्ष्मी दुबे और साथी कलाकारों ने भक्ति संगीत की प्रस्तुति दी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / नेहा पांडे
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