अनूपपुर: हाथियों का आतंक, अहिरगवां से घुनघुटी रेंज के पड़री बीट तक ग्रामीण इलाकों में की तोड़फोड़

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अनूपपुर: हाथियों का आतंक, अहिरगवां से घुनघुटी रेंज के पड़री बीट तक ग्रामीण इलाकों में की तोड़फोड़


अनूपपुर: हाथियों का आतंक, अहिरगवां से घुनघुटी रेंज के पड़री बीट तक ग्रामीण इलाकों में की तोड़फोड़


अनूपपुर, 8 जुलाई (हि.स.)। डिंडोरी जिले में सात दिनों तक विचरण करने के बाद चार हाथियों का समूह मंगलवार सुबह पुनः अनूपपुर जिले के अहिरगवां रेंज में पहुंच गया। देर रात हाथियों ने तीन गांवों में घुसकर ग्रमीणों के घरों में तोड़फोड़ की और अंदर रखे अनाज को खा लिया। बुधवार को उमरिया जिले के घुनघुटी वन परिक्षेत्र अंतर्गत पड़री बीट के जंगल में पहुंचा।

चार हाथियों का समूह मंगलवार की सुबह पुनः डिंडोरी से अनूपपुर जिले के अहिरगवां रेंज में पहुंचा जहां तीन गांवों में घुसकर ग्रमीणों के घरों में तोड़फोड़ की और अंदर रखे अनाज को अहार बनाया। इसके पूर्व मंगलवार रात हाथियों ने कुम्हनी, शीतलपानी एवं टिटही जैतहरी गांवों में दस्तक दी। कुम्हनी निवासी सेमलाल, एकम सिंह, सुनीता सिंह, सुखसेन सिंह, शीतलपानी निवासी कोदुआ, भगत, हीराबाई, मुन्नी बाई, दान सिंह, राममनोहर, तथा टिटही जैतहरी निवासी उदय सिंह, नर्मदा सिंह, दलबीर सिंह के घरों में हाथियों ने तोड़फोड़ कर भंडारित अनाज खा लिया। हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत में हैं। कई परिवारों ने जान बचाने के लिए अपने घर छोड़कर पड़ोस के गांवों में शरण ले रखी हैं। वहीं कुछ ग्रमीण रतजगा कर गश्ती दल के साथ लगातार हाथियों की गतिविधियों पर निगरानी कर रहें है। वहीं अनूपपुर कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है और मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है।

गौरतलब है कि ये चार हाथी 14 जून को छत्तीसगढ़ से अनूपपुर जिले में प्रवेश कर चुके हैं। तब से वे जैतहरी, अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ तहसीलों के जंगलों में घूमते हुए, दिन में विश्राम और रात में ग्रामीण घरों में घुसकर अनाज खाने की घटनाएं कर रहे हैं। 2 जुलाई को वे डिंडोरी जिले की ओर चले गए थे और अब 7 जुलाई को दोबारा अनूपपुर में प्रवेश कर चुके हैं। हाथियों का यह दल अब शीतलपानी, टिटही जैतहरी, कुम्हनी होते हुए ठुनगुनी, धुराधर से नीचे उतरकर हथपुरा की ओर बढ़ते हुए घुनघुटी वन परिक्षेत्र के पड़री बीट के जंगल में डेरा जमाया हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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