बिजली अधिकारी मानसून पूर्व की तैयारी एक सप्ताह में पूर्ण कराएं: प्रबंध निदेशक तोमर
- सितंबर से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में 10 नए ग्रिड और हो जाएंगे तैयार
- प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में हुई 15 जिलों के बिजली अधिकारियों की मिटिंग
इन्दौर, 12 जून (हि.स.)। इसी माह के तीसरे चौथे, सप्ताह से मानसून सक्रिया हो जाएगा। मानसून से पूर्व की सभी तैयारियां 15 जिलों के बिजली अधिकारी आगामी एक सप्ताह में शत प्रतिशत पूर्ण कर लें, ताकि बाद में कोई दिक्कत जैसी स्थिति न बने। नर्मदा एवं अन्य बड़ी नदियों के किनारों के ऐसे ट्रांसफार्मर जिनके पास बाढ़ का पानी आ सकता है, इन्हें पर्याप्त ऊंचाई पर स्थापित किया जाए, ताकि विद्युत व्यवधान न हो साथ ही ट्रांसफार्मरों को क्षति भी न पहुंचे।
यह निर्देश मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बुधवार को कंपनी क्षेत्र के सभी 15 जिलों के बिजली अधिकारियों की वीसी में दिए। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले की तैयारियां जल्द पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि एसएसटीडी योजना के तहत 10 नए ग्रिड और निर्माणाधीन है, इनका कार्य आगामी दो माह में कर लिया जाए, ताकि सितंबर से प्रारंभ होने वाली रबी सीजन में इनकी ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगिता प्रारंभ हो। उन्होंने पावर ट्रांसफार्मर, वितरण ट्रांसफार्मरों का मैंटनेंस गुणवत्ता से करने के निर्देश दिए, ताकि इनका फेल रेट और कम हो, इससे व्यवधान में और कमी आएगी, बिजली उपभोक्ता की संतुष्टि में और बढ़ोत्तरी होगी।
प्रबंध निदेशक तोमर ने ऐसे किसान जिनके पास बंजर श्रेणी की जमीन है, उन्हें कुसुम सी योजना से जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि बिलिंग एफिशिएंसी और कलेक्शन एफिशिएंसी में वृद्धि की जरूरत है, नहीं तो हमें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य, निदेशक पुनीत दुबे, सचिन तालेवार, कार्यपालक निदेशक गजरा मेहता, मुख्य अभियंता एसएल करवाड़िया, रवि मिश्रा, एसआर बमनके, शहर अधीक्षण यंत्री मनोज शर्मा, ग्रामीण अधीक्षण यंत्री सुधीर आचार्य आदि ने विचार रखें।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदू
- नए तैयार हो रहे ग्रिडों का सिविल कार्य दो माह में पूर्ण कराया जाए।
- बंद खराब मीटर को बदलने में किसी भी प्रकार का विलंब स्वीकार्य नहीं।
- शहरों में नए कनेक्शन तकनीकी सुविधा हो तो तीन दिन में जरूर दिए जाए।
- बाह्यस्त्रोत कर्मचारियों की शिकायतों का निराकरण हो एवं वित्तीय लाभ दे।
- स्मार्ट मीटरीकरण से निकले पुराने मीटरों का परीक्षण व पुनर्उपयोग हो।
- अवैध कॉलोनी की विद्युतीकरण प्रचलित नियमों के तहत किया जाए।
- उपभोक्ताओं को ई श्रेणी से बिल समय पर मिले, समय पर राशि भी वसूले।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा
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