चिकित्सकीय संस्थानों में निगरानी और सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्थाएं रहें: मुख्य सचिव

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चिकित्सकीय संस्थानों में निगरानी और सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्थाएं रहें: मुख्य सचिव


- मुख्य सचिव ‍वीडियो कांफ्रेसिंग से की चिकित्सकीय संस्थानों में सुरक्षा और इससे संबंधित उपायों की समीक्षा

इंदौर, 29 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा ने गुरुवार को ‍वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से चिकित्सकीय संस्थानों में सुरक्षा और इससे संबंधित उपायों के बारे में प्रदेश के सभी संभागायुक्त, आईजी, कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों की बैठक लेकर समीक्षा की। उन्होंने चिकित्सकीय संस्थानों में चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ, मरीजों आदि की सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश ‍दिये कि सभी चिकित्सकीय संस्थानों में निगरानी एवं सुरक्षा के समुचित इंतजाम सुनिश्चित किए जाए। सीसीटीवी कैमरों, प्रवेश नियंत्रण प्रणालियों और सुरक्षा कर्मियों की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही और उदासीनता नहीं बरती जाए। वीडियो कांफ्रेसिंग में संभाग के बुरहानपुर से संभागायुक्त दीपक सिंह और इंदौर से कलेक्टर आशीष सिंह सहित पुलिस और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव वीरा राणा ने कहा कि वह स्वास्थ्य संस्थाएँ, जहां रोगियों एवं उनके परिजनों की दैनिक आवाजाही अधिक है, उन स्वास्थ्य संस्थाओं में निरंतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। स्वास्थ्य संस्थान में समग्र सुरक्षा नीति बनाकर उसे प्रभावी रूप से लागू करें। इसमें विभिन्न सुरक्षा पहलुओं को सम्मिलित करने वाले मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOPs) विकसित की जाए। स्वास्थ्य संस्थान परिसर में सुरक्षा जोखिमों का नियमित मूल्यांकन करें। सभी संभावित खतरे जैसे कि अनाधिकृत प्रवेश, चोरी और हिंसक घटनाओं की संभावनाओं की पहचान कर उनकी नियंत्रण की उपाय किये जाए।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थाओं में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से संपूर्ण संस्थान एवं परिसर की 24X7 निगरानी सुनिश्चित करें। प्रकाश की भी समुचित व्यवस्था समस्त Blind Spots का चिन्हीकरण कर नवीन सीसीटीवी कैमरे इत्यादि की स्थापना एवं केंद्रीय कंट्रोल रूम संचालित किया जाना सुनिश्चित करेगी। स्वास्थ्य संस्थाओं में रोगियों के परिजनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाये। चिकित्सकीय संस्थानों में पर्याप्त एवं अनुभवी सुरक्षा कर्मियों की उपलब्धता रखी जाये। इनका पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाये।

उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुक्रम में प्रदेश की समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं एवं शासकीय चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय में कार्यरत समस्त चिकित्सा कर्मियों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। समस्त चिकित्सालयों में वहाँ के वरिष्ठ चिकित्सकों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से स्वास्थ्य संस्थान सुरक्षा समिति और हिंसा रोकथाम समिति का गठन किए जाने के भी निर्देश दिये गये।

मुख्य सचिव ने कहा कि समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों एवं इससे जुड़े अस्पतालों तथा अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं का भी प्रशासनिक अधिकारी औचक निरीक्षण करें। इसके लिए रोस्टर बनाया जाये। पुलिस चौकी भी स्थापित की जाये। जहां पूर्व से ही पुलिस चौकी की स्थापना परिसर के भीतर है, वहाँ उनके द्वारा परिसर की सुरक्षा किए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया। शेष चिकित्सा महाविद्यालय जहां चौकी की स्थापना परिसर के भीतर नहीं है, वहाँ चौकी की स्थापना हेतु कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। सुरक्षा व्यवस्था में डायल 100 की मदद लेने हेतु भी निर्देशित किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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