इंदौरः एकलव्य विद्यालयों को सीएम राईज स्कूलों की तर्ज पर विकसित किया जायेगा
- शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की दी जायेगी ऑनलाइन कोचिंग
- खराब रिजल्ट देने वाले शैक्षणिक संस्था प्रमुखों के विरूद्ध होगी कार्यवाही
इन्दौर, 17 मई (हि.स.)। इंदौर संभाग के जिलों में प्रतिभावान विद्यार्थियों के सम्मान के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। संभाग में कक्षा 10वीं से 12वीं तक के अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग की व्यवस्था जिले वार की जाएगी, साथ ही इन विद्यार्थियों की काउंसलिंग भी की जायेगी। संभाग में शैक्षणिक सत्र की शुरूआत से ही पढ़ाई में कमजोर बच्चों की पहचान कर उनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। संभाग के जिलों में संचालित एकलव्य विद्यालयों को सीएम राईज स्कूलों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
यह जानकारी शुक्रवार को यहां संभागायुक्त दीपक सिंह द्वारा स्कूली शिक्षा तथा आदिम जाति कल्याण विभाग की ली गई संयुक्त समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अरविंद सिंह, उपायुक्त आदिम जाति कल्याण ब्रजेश पाण्डे सहित संभाग के जिलों में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक तथा सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि शिक्षा बच्चों के जीवन और भविष्य से जुड़ा अहम विषय है। शिक्षण व्यवस्था में लापरवाही किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के कैरियर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाये। नये शिक्षण सत्र की सभी तैयारियां अभी से शुरू कर ले। शिक्षकों के रिक्त पदों के विरूद्ध सभी जगह अतिथि शिक्षक नियुक्त हो जाएं। उन्होंने परीक्षा परिणाम बढ़ाने एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कराने पर चर्चा की। साथ ही छात्रावास-आश्रम की व्यवस्थाओं, निर्माण कार्यों को मानसून के पूर्व पूर्ण करवाने, बजट आवंटन के सदुपयोग, कर्मचारियों के पेंशन स्वत्वों के भुगतान आदि पर भी चर्चा की गई।
बैठक में संभागायुक्त ने हाल ही में सम्पन्न हुये शैक्षणिक सत्र 2023-24 के शासकीय स्कूलों के परीक्षा परिणामों की जिलेवार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि सभी अधिकारी अपने-अपने जिलों में परीक्षा परिणामों का सूक्ष्मता के साथ समीक्षा करे। समीक्षा के दौरान खराब रिजल्ट देने वाले शैक्षणिक संस्था प्रमुखों के विरूद्ध कार्यवाही करे। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में गुणात्मक सुधार के लिए अपने-अपने सुझाव भी दे। इस विषय में सभी जिले नवाचार भी करें। यह सुनिश्चित किया जाये कि विद्यार्थियों को निर्धारित समय पर पाठ्य पुस्तकें, गणवेश, साईकल, लेपटॉप आदि का भी वितरण हो जाये। विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृति मिले यह भी सभी अधिकारी सुनिश्चित करें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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