मप्रः स्कूलों में शिक्षा के साथ स्वास्थ्य की भी होगी बात
- आयुष्मान भारत उमंग स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम के तहत स्कूल के प्राचार्यों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
भोपाल, 29 दिसंबर (हि.स.)। स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ वैलनेस गतिविधियां भी आयोजित की जाएगी। स्कूली बच्चों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ स्वास्थ्य और जीवन कौशल भी समझाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से आयुष्मान भारत-उमंग स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। जो कि सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में क्रियान्वित किया जा रहा है।
भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उमंग कार्यक्रम में कक्षा 9वी से 12वीं तक के बच्चों को शामिल किया गया है। कार्यक्रम के संबंध में स्कूलों के प्रिंसिपल का प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जा रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित प्रशिक्षण में 136 स्कूलों के प्राचार्यों को उमंग कार्यक्रम की जानकारी दी गई।
व्यक्तिगत और सामाजिक स्वास्थ्य की दिशा में महत्वपूर्ण है उमंग
सीएमएचओ डॉ. तिवारी ने कार्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में कहा कि स्वास्थ्य की शिक्षा आज के समय की सबसे महती आवश्यकता है। बच्चे हमारा भविष्य है। हमारे बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण की जानकारी प्रदान करके स्वस्थ एवं सशक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। स्वास्थ्य की जानकारी से परिवार एवं समुदाय को शिक्षित एवं जागरूकता करने के लिए उमंग कार्यक्रम महत्वपूर्ण कदम है। शासन द्वारा किशोर किशोरियों की समस्या के समाधान के लिए उमंग किशोर हेल्पलाइन प्रारंभ की गई है। किशोर- किशोरी 14425 पर फोन करके अपनी समस्याओं का निदान प्राप्त कर सकते हैं। प्रशिक्षण में शिक्षकों को स्वास्थ्य संवर्धन, जीवन कौशल एवं बीमारियों से रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
हर कक्षा के लिए अलग अलग मॉड्यूल से दी जाएगी
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य और पोषण की जानकारी बच्चों को समझाने के लिए स्वास्थ्य के विभिन्न विषयों को चार मॉड्यूल में विभाजित किया गया है। बच्चों को रुचि पूर्ण कहानियों के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा, पोषण एवं जीवन कौशल संबंधी जानकारी प्रदान की जाएगी। कक्षा नवी के लिए मानसिक स्वास्थ्य, पोषण, लक्ष्य और केरियर, कक्षा दसवीं के लिए पोषण, किशोरावस्था, लक्ष्य निर्धारण, कक्षा ग्यारहवीं के लिए अंतर्वैयक्तिक संबंध, संवाद कौशल, समस्या समाधान, कक्षा बारहवीं के लिए प्रजनन स्वास्थ्य, तनाव का सामना, भावनाओं का प्रबंधन जैसे विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है।
272 शिक्षकों को बनाया गया है
हेल्थ एंड वैलनेस एंबेसडर उमंग कार्यक्रम के प्रथम चरण में भोपाल जिले के 136 स्कूलों को शामिल किया गया है। प्रत्येक स्कूल से दो शिक्षक चिन्हित किए गए हैं। जिसमें एक महिला शिक्षक एवं पुरुष शिक्षक को हेल्थ एण्ड वैलनेस एंबेसडर के रूप में चिह्नांकित किया गया है। इन शिक्षकों का प्रशिक्षण पूर्व में किया जा चुका है। प्रशिक्षित शिक्षक स्कूलों में प्रत्येक सप्ताह स्वास्थ्य संवर्धन एवं जीवन कौशल हेतु बच्चों के बीच विभिन्न उत्साहवर्धक गतिविधि आयोजित करवाएंगे। इन गतिविधियों के माध्यम से छात्रों में स्वास्थ्य की जानकारी एवं स्वास्थ्य व्यवहार को अपने में सहायता मिलेगी।
स्कूली बच्चे बनेंगे स्वास्थ्य संदेश संवाहक
उमंग हेल्थ एंड वैलनेस कार्यक्रम में कक्षा नवी से लेकर 12वीं तक के बच्चों को शामिल किया गया है। शिक्षकों द्वारा प्रत्येक कक्षा से एक छात्र एवं एक छात्रा को चयन किया जाएगा, जो कि हेल्थ एंड वैलनेस मैसेंजर के रूप में कार्य करेंगे। यह बच्चे अपनी कक्षा के अन्य विद्यार्थियों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां देंगे। साथ ही समुदाय में भी स्वास्थ्य संबंधी उचित व्यवहारों को अपनाने के लिए प्रेरित करने का काम किया जाएगा। इन मैसेंजर के द्वारा स्कूलों में आयोजित हेल्थ एंड वैलनेस सत्रों में अपने सहपाठियों को शामिल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
स्वास्थ्य के उचित व्यवहारों को अपनाने पर रहेगा
फोकस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य एवं पोषण की जानकारी देना, स्वास्थ्य संबंधी व्यवहारों को बढ़ावा देना, किशोरियों को माहवारी के दौरान स्वच्छता प्रबंधन की प्रेरित करना, जीवन कौशल शिक्षा, बच्चों की स्वास्थ्य जांच, आयरन फोलिक की गोलियों के सेवन एवं लाभ समझाना, तंबाकू एवं नशे के खिलाफ जागरूकता, साफ पानी के उपयोग, दांतों व आंखों की बीमारियों एवं स्वच्छता संबंधी जानकारी प्रदान की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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