शिक्षा हमारी माटी के आदर्शों के अनुकूल हो : राज्यपाल पटेल

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शिक्षा हमारी माटी के आदर्शों के अनुकूल हो : राज्यपाल पटेल


- अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षांत समारोह सम्पन्न

भोपाल, 25 दिसंबर (हि.स.)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए शिक्षा का स्वरूप हमारी माटी के आदर्शों के अनुकूल होना चाहिए। इससे युवाओं में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत की जा सकती है। विद्यार्थी दीक्षांत शपथ का जीवन भर अनुसरण करे, अपने माता-पिता और गुरूजनों का सम्मान करे।

राज्यपाल पटेल सोमवार को यहां अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। दीक्षांत समारोह का आयोजन कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में किया गया।

अटल जी की तरह दुनिया में हिन्दी का परचम लहराये

राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर उनको नमन किया। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे भी अटलजी की तरह पूरी दुनियाँ में हिन्दी का परचम लहराएं और विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें। हिन्दी के प्रचार-प्रसार और उस को लोकप्रिय बनाने में स्वर्गीय अटलजी का योगदान ऐतिहासिक और अनुकरणीय है। वे महान हिन्दी सेवी, कवि हृदय और प्रखर वक्ता के रूप में सदैव याद किये जाएंगे। राज्यपाल ने स्व. अटलजी से जुड़ा अपने जीवन काल का प्रसंग भी सुनाया।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने सिकल सेल एनिमिया जागरूकता प्रयासों में बेहतर कार्य किया है। विश्वविद्यालय ने भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़े हुए विभिन्न शास्त्रों के ज्ञान-विज्ञान को पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आधुनिक और भारतीय संस्कृति के परंपरागत ज्ञान का समन्वय करते हुए युवा पीढ़ी को बंधन मुक्त शिक्षा का अवसर उपलब्ध कराया है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल शिक्षण की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि जीवन की चुनौतियों को स्वीकार ने, सामना करने और भविष्य के लक्ष्यों को तय करने का माध्यम है। शिक्षण संस्थान ऐसी युवा पीढ़ी तैयार करे जो समग्र व्यक्तित्व के विकास के साथ रोजगार कौशल में विश्व स्तरीय और चारित्रिक दृष्टि से उत्कृष्ट और संस्कारित हो।

हर नौजवान बन सकता है हिंदुस्तान की तरक़्क़ी का कारण

राज्यपाल ने कहा कि देश का हर नौजवान हिंदुस्तान की तरक़्क़ी का कारण बन सकता है। युवा अपने सपने को प्राप्त करते हुए राष्ट्र निर्माण में सहयोग कर सकता है। आप सभी अपने ज्ञान, कौशल, चरित्र से और सामर्थ्य से 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प ले। दीक्षांत तक की यात्रा कठिन परिश्रम से सम्भव हुई है, यहाँ से नई ऊचाईयों पर पहुँच कर देश-प्रदेश और परिवार का नाम रोशन करे।

विद्यार्थियों ने बताया विकसित भारत @2047 के लिए अपना विज़न

राज्यपाल पटेल ने विकसित भारत @2047 के संकल्प के संबंध में दीक्षित विद्यार्थियों और युवाओं से बात की। इस अवसर पर उन्होंने भारत को विकसित बनाने के संबंध में विद्यार्थियों के संकल्पों, सुझावों, विचारों और लक्ष्यों को सुना। विद्यार्थियों ने भी राज्यपाल पटेल से विकसित भारत @2047 के बारे में मार्गदर्शन प्राप्त किया।

राज्यपाल ने कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्जवलन कर किया। उन्होंने इस अवसर पर सरस्वती प्रतिमा और अटल बिहारी वाजपेयी के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर किया। राज्यपाल पटेल का शॉल, श्रीफल से स्वागत और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्मारिका, शोध पत्रिका और प्रकाशनों का लोकार्पण किया। दीक्षांत समारोह में 170 विद्यार्थियों को उपाधि और सर्वोच्च अंक प्राप्ति के लिए विद्यार्थियों को पदक प्रदान किये गये।

स्वागत उद्बोधन और वार्षिक प्रतिवेदन कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय खेमसिंह डहरिया ने प्रस्तुत किया। उन्होंने दीक्षित विद्यार्थियों को दीक्षांत शपथ दिलाई। समारोह के अतिथि निदेशक आई.आई.आई.टी.डी.एम. भारतेंदु कुमार ने दीक्षांत उपदेश दिया। आभार कुलसचिव अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय सतेन्द्र कुमार जैन ने व्यक्त किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की विभिन्न सभाओं के सदस्य, गुरूजन, दीक्षित विद्यार्थी और उनके परिजन उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद

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