कला और संगीत से समृद्ध होती है शिक्षाः प्रो. नाहर
- “अनुगूँज” कार्यक्रम में दो दर्जन से अधिक स्कूलों के लगभग 300 विद्यार्थियों ने की सहभागिता
ग्वालियर, 23 दिसंबर (हि.स.)। कला व संगीत से शिक्षा समृद्ध होती है। इस दिशा में राज्य शासन के प्रयास सराहनीय है। राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने “अनुगूँज” के रूप में सरकारी स्कूलों के बच्चों को अपनी कला निखारने के लिए बेहतर मंच उपलब्ध कराया है। यह विचार शनिवार को राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर ने व्यक्त किए। प्रो. नाहर ने दीप प्रज्ज्वलन कर “अनुगूँज” कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वावधान में शनिवार को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय परिसर में स्थित दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में “अनुगूँज” का आयोजन किया गया। जिसमें दो दर्जन से अधिक सरकारी स्कूलों के 300 बच्चों ने भाग लेकर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में उद्भव संस्था के प्रमुख डॉ. केशव पाण्डेय एवं संयुक्त संचालक लोक शिक्षण डॉ. दीपक पाण्डेय सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
“अनुगूँज” में सरकारी स्कूलों के बच्चों ने नाटक, वादन, गायन, कत्थक, भरतनाट्यम, मणिपुरी नृत्य व फ्यूजन विधा में भाग लेकर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियाँ देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
नोडल अधिकारी स्कूल शिक्षा आईए जैदी ने बताया कि सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत ऐसे बच्चे जो कला व संगीत में रूचि रखते हैं उन्हें बेहतर मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा “अनुगूँज” कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने बताया पहले यह कार्यक्रम राज्य स्तर पर होता था, जिसका विकेन्द्रीयकरण संभाग स्तर तक किया गया है। ग्वालियर संभाग में इस साल यह तीसरा आयोजन है। उन्होंने बताया कि “अनुगूँज” में चयनित बच्चों को योग्य गुरूओं व साधकों द्वारा कला संगीत में पारंगत किया जाता है। आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर “अनुगूँज” का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पद्मा विद्यालय की बालिकाओं द्वारा संगीतमय सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/ उमेद
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