आरजीपीवी घोटाला मामले में ईडी ने छापे में 1.90 करोड़ रुपये की चल-संपत्ति फ्रीज की
भोपाल, 4 सितंबर (हि.स.)। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में हुए घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने दो दिन तक भोपाल, सोहागपुर, पिपरिया में पांच ठिकानों पर चली छापामार कार्रवाई के बाद करीब 1.90 करोड़ रुपये की चल संपत्ति को फ्रीज कर दिया है। साथ ही कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
आरजीपीवी घोटाला मामले में ईडी की अलग-अलग टीमों ने गत सोमवार को भोपाल में दो ठिकानों, नर्मदापुरम के पिपरिया और सोहागपुर में पांच ठिकानों पर छापामार कार्रवाई शुरू की थी। आरजीपीवी के निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, एक्सिस बैंक पिपरिया के तत्कालीन मैनेजर राम रघुवंशी, दलित संघ सोहागपुर के सचिव रतन उमरे और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर यह कार्रवाई मंगलवार देर रात तक जारी रही। इसके अलावा झारखंड के रांची और बोकारो में आरोपितों से जुड़े विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली।
ईडी के अधिकारियों ने बुधवार को छापामार कार्रवाई पूरी होने के बाद बताया कि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार के चूना भट्टी स्थित आवास और निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के लेकपर्ल स्थित आवास पर तलाशी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और चल-अचल संपत्ति का विवरण मिला है, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। तलाशी के दौरान प्रमुख व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए और करीब 1.90 करोड़ रुपये की चल संपत्ति को फ्रीज कर दिया गया। जांच में घोटाले से जुड़ी नई जानकारियां सामने आने की उम्मीद है।
बताया गया है कि दर्ज एफआईआर और आरोप पत्र के आधार पर ईडी ने पीएमएलए के अंतर्गत मामले की जांच शुरू की थी। इसमें पता चला कि विश्वविद्यालयों की करीब 20 करोड़ की राशि निजी व्यक्तियों और ट्रस्ट के खातों में डायवर्ट की गई थी। ईडी द्वारा बैंक खातों के विश्लेषण में सामने आया है कि विश्वविद्यालय की राशि को संपत्ति, सावधि जमा रसीदों, म्यूचुअल फंड और आभूषणों में निवेश के उद्देश्य से डायवर्ट किया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
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