विवादहीन गांव, कस्बे व शहर सही मायने में रामराज्य में होते हैं परिवर्तित: जस्टिस गुप्ता

विवादहीन गांव, कस्बे व शहर सही मायने में रामराज्य में होते हैं परिवर्तित: जस्टिस गुप्ता
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विवादहीन गांव, कस्बे व शहर सही मायने में रामराज्य में होते हैं परिवर्तित: जस्टिस गुप्ता


- समाज के आपसी विवादों को हल कर हम स्वयं का ही भला करते हैं- कलेक्टर

ग्वालियर, 24 जनवरी (हि.स.)। विवाद मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से ग्वालियर जिला सहित उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के अधिकार क्षेत्र के नौ जिलों में अगले माह 24 फरवरी को “समाधान आपके द्वार” योजना का पॉचवा चरण आयोजित होगा। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति रोहित आर्या के निर्देशों के पालन में ग्वालियर जिले में सुव्यवस्थित और प्रभावी ढंग से पंचम चरण आयोजित करने के लिए तैयारियाँ जारी है। इस सिलसिले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी गुप्ता की मौजूदगी में बुधवार को अटल सभागार में वृहद प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ।

प्रधान जिला न्यायाधीश गुप्ता ने इस अवसर पर कहा विवादहीन गाँव, कस्बे व शहर सही मायने में रामराज्य में परिवर्तित होते हैं। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद एल-1, एल-2 व एल-3 स्तर के अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि आप सब समर्पण भाव से इस अवधारणा को मूर्त रूप देकर रामराज्य के पुरोधा बन सकते है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय केएस बारिया, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चौधर सिंह शैय्याम, नगर निगम मजिस्ट्रेट जितेन्द्र शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऋषीकेश मीणा, गजेन्द्र वर्धमान व अमृत मीणा सहित जिला प्रशासन व पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। साथ ही सामुदायिक मध्यस्थ, पैरा लीगल वॉलेंटियर तथा समाधान आपके द्वार योजना के तहत विवादों के निराकरण से जुडे़ एल-1, एल-2 व एल-3 स्तर के राजस्व, पुलिस,वन, विद्युत नगर निगम, नगर पालिका, परिवार न्यायालय, ग्रामीण विकास ,आयुष, कृषि, उद्यानिकी व महिला बाल विकास विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया।

प्रधान जिला न्यायाधीश पीसी गुप्ता ने कहा खुशी की बात है कि देश में मध्यप्रदेश ऐसा इकलौता राज्य है जहाँ उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के पहल पर आपसी सुलह समझौते के आधार पर आपसी विवादों का समाधान करने के लिए “समाधान आपके द्वार” योजना संचालित है। उन्होंने कहा इस योजना के तहत पीड़ित और पीडा पहुँचाने वाले के पास पहुँचकर आपसी विवादों को दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी कटुता को जन्म देती है। कटुता के कारण बढ़े विवादों से समाज का ताना-बाना झिन्न-भिन्न तो होता ही है, साथ ही सामाजिक अर्थ व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह प्रशिक्षण कार्यक्रम में मोटीवेटर की भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि दूसरों के छोटे-मोटे विवादों को आपसी सुलह समझौते से खत्म कराकर सही मायने में हम अपना ही भला करते है, क्योकि आपसी विवादों से समाज में विकृति आती है और उसकी आँच अपने घर तक भी पहुँचती है। इसलिए समाज को बेहतर बनाने के लिए स्वयं का काम समझकर विवादों को हल कराएँ। कलेक्टर ने यह भी कहा आपसी विवाद ऐसे घाव के समान होते है, जिनका समय रहते इलाज न किया जाए तो वे सम्पूर्ण समाज के लिए नासूर बन जाते हैं।

प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय केएस बारिया ने कहा के पारिवारिक विवाद छोटी-छोटी बातों को लेकर पनपते हैं। मध्यस्थता से प्राथमिक स्तर पर ही इन विवादों को हल किया जा सकता है । समाधान आपके द्वार इस दिशा में सराहनीय पहल है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल ने कहा कि पहले से ही हम थोड़ा से प्रत्यन्न कर लें तो विवाद, पुलिस और न्यायालय तक पहुँचें ही नहीं। समाधान आपके द्वार इसी अवधारणा पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जिले के पुलिस थानों में सिटीजन रिस्पोंस रजिस्टर रखवाए गए हैं, जिसमें हर शिकायतकर्ता का नाम व मोबाइल फोन नंबर और निराकरण की स्थिति दर्ज की जाती है।

प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा व अन्य अधिकारियों एवं पंचायत सचिव व पटवारियों सहित अन्य कर्मचारियों और सामुदायिक मध्यस्थगणों ने विवादों के निराकरण से संबंधित अपने-अपने अनुभव सुनाए।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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