अनूपपुर जिला न्यायालय के निर्माण में देरी, उच्च न्यायालय ने शासन को जारी किया नोटिस

अनूपपुर, 8 अप्रैल (हि.स.)। जिला न्यायालय अनूपपुर के निर्माण को लेकर जिला अधिवक्ता संघ का सब्र का बांध टूट गया। जिला न्यायालय के अधिवक्ता बासुदेव चटर्जी ने उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका अधिवक्ता दीपक कुमार पांडे के माध्यम से दायर करते हुए राज्य सरकार को बजट जारी करने की मांग की, जिसे मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी जून तक जवाब प्रस्तुत करने का समय दिया है। उच्च न्यायालय की नोटिस के बाद जिला न्यायालय भवन के निर्माण की संभावना बन गई है।
अधिवक्ता बासुदेव चटर्जी ने उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका में कहा हैं कि पंद्रह वर्ष बीत जाने के बाद भी अनूपपुर में जिला न्यायालय के निर्माण की राशि राज्य सरकार द्वारा जारी नहीं किया जा रहा हैं, जबकि सारी तकनीकी औपचारिकताएं पूर्ण की जा चुका हैं। याचिकाकर्ता और अधिवक्ता के माध्यम से कई आवेदन दिए गए एवं जिला अधिवक्ता संघ ने भी कई बार अनुरोध किया, अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ विधायक द्वारा विधानसभा में प्रश्न भी लगाए गए, परन्तु राशि स्वीकृत नहीं की गई। ज्ञात हो कि मप्र के मुख्यमंत्री द्वारा जिले में प्रवास के दौरान जिला न्यायालय अनूपपुर के निर्माण की घोषणा की गई थी।
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दीपक कुमार पांडे ने मंगलवार को बताया कि याचिका में कहा गया हैं कि जिले में व्यवास्थित जिला न्यायालय भवन नहीं होने से अधिवक्ता, न्यायायिक कर्मचारी, पक्षकारों को निरंतर असुविधा का सामना करना पड़ता हैं। नए न्यायधीशों की उपलब्धता भी भवन नहीं होने से प्रभावित होती हैं। वर्तमान समय जिला न्यायालय का संचालन शासकीय तुलसी महाविद्यालय के पुराने भवन में किया जा रहा हैं। भवन निर्माण में हो रहीं देरी से परेशान अधिवक्ता चटर्जी द्वारा याचिका दायर कर इस मामले में राज्य सरकार को बजट जारी करने की मांग की हैं। जिस पर मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच ने मंगलवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जून की सुनवाई के के दौरान जबाब मांगा हैं। याचिकाकर्ता का पक्ष अनूपपुर निवासी युवा अधिवक्ता अनुभव सिंघल ने रखा।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला