वर्ष का सबसे छोटा दिन होगा 22 दिसंबर को

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वर्ष का सबसे छोटा दिन होगा 22 दिसंबर को


उज्जैन, 20 दिसंबर (हि.स.)। घड़ी के अनुसार देखें तो वर्षभर दिन और रात क्रमश: 12-12 घण्टे के होते हैं। खगोल शास्त्र का मत इससे अलग है। खासकर हमारे भारतीय खगोल विज्ञान और उसके प्रणेताओं का। इस अनुसार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 22 दिसंबर को मध्य प्रदेश के उज्जैन में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी। दिन होगा 10 घण्टे 41 मिनिट का और रात होगी 13 घण्टे 19 मिनिट की।

जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आरपी गुप्त के अनुसार इस खगोलीय घटना को इसप्रकार से समझा जा सकता है-

सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण 22 दिसंबर,25 को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत् होगा। इस दिन सूर्य की क्रांति 23 अंश 26 कला 15 विकला दक्षिण होगी। इस कारण भारत सहित उत्तरी गोलाद्र्ध में स्थित देशों में सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी। उज्जैन में 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन 10 घण्टे 41 मिनिट का और सबसे बड़ी रात 13 घण्टे 19 मिनिट की होगी। इस दिन उज्जैन में सूर्योदय प्रात: 7.05 बजे तथा सूर्यास्त सायं 5.46 बजे होगा। इस आधार पर उज्जैन में दिन 10 घण्टे 41 मिनिट का ओर रात 13 घण्टे 19 मिनिट की होगी। 22 दिसंबर को सूर्य सायन मकर राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य की स्थिति मकर राशि में 0 अंश 39 कला एवं 20 विकला होगी।

डॉ.गुप्त के अनुसार खगोल शास्त्र कहता है कि 22 दिसंबर से सूर्य उत्तरायण होने लगेगा,जिसे सायन उत्तरायण कहते हैं। सूर्य की उत्तर की ओर गति होने के कारण अब धीरे-धीरे दिन बढ़ा होने लगेगा जबकि रात छोटी होने लगेगी। आगामी 21 मार्च,2026 को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत होगा,इस तारीख को दिन-रात बराबर होंगे। उन्होने बताया कि हमारा ज्योतिष शास्त्र कहता है कि मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होने लगता है। अर्थात् दिन बढ़ा और रात छोटी होने लगती है।

इस घटना को जीवाजी वेधशाला,उज्जैन स्थित प्राचीन शंकु यंत्र पर 22 दिसंबर को दिखाया जाएगा, जब शंकु की छाया सबसे लम्बी होकर पूरे दिन मकर रेखा पर गमन करती दृष्टिगोचर होगी। यह घटना 22 दिसंबर को धूप होने पर ही देखी जा सकेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्‍वेल

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