दतिया: दतिया की परंपरा काले तिल के लड्डू का लगता है प्रसाद

दतिया: दतिया की परंपरा काले तिल के लड्डू का लगता है प्रसाद
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दतिया: दतिया की परंपरा काले तिल के लड्डू का लगता है प्रसाद


दतिया, 29 जनवरी (हि.स.)। दतिया संस्कृति और पुरातत्व में पहचान रखने वाला नगर तो है ही साथ ही यहां लोग खाने पीने के शौकीन भी हैं। विशेष कर त्योहार उत्सवों में बनने वाली मिठाई यहां की अपनी अलग-अलग पहचान है। गंगा दशहरा को गुलाब शंखनि तो बड़े गणेश को काले तिल के लड्डू का प्रसाद लगता है। बड़े गणेश माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पूजे जाते हैं इस दिन विशेष पूजा अर्चना एवं व्रत आदि भक्तजन करते हैं।

दतिया में बड़े गणेश के लिए काले तिल के लड्डू का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है। ये लड्डू काले तिल एवं उसमें गुड़ तथा अदरक का मिलान कर बनाए जाते हैं। अब कुछ मिष्ठान विक्रेता मावा और काले तिल को पीसकर उसमें शक्कर इस्तेमाल करने लगे हैं, परंतु जो उस परंपरा से जुड़े हैं वह सिर्फ काले तिल के लड्डू जो गुड से बने होते हैं उसको ही प्रसाद में अर्पित कर प्रसाद के रूप में खाते हैं। दतिया में लतई मिठीया की दुकान इन लड्डू को बनाने में विशेष विशेषता रखती है।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/राजू

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