शिवपुरीः दलित की लाठी से पीट-पीटकर हत्या, परिजन ने शव रखकर किया चक्काजाम
- मुख्यमंत्री ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश, मृतक के परिजन को 4 लाख की सहायता
शिवपुरी, 27 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में इंदरगढ़ गांव में रास्ते को लेकर हुए विवाद में मंगलवार शाम एक युवक की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। बुधवार को मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजन शव लेकर शिकायत दर्ज कराने सुभाषपुरा थाना पहुंचे और आरोप लगाया कि पुलिस वक्त पर पहुंचती तो युवक की जान बच सकती थी। परिजन ने लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की।
इसके अलावा पीड़ित परिवार को शस्त्र लाइसेंस, आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की मांग की गई। इसके लिए पांच दिन का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद कोई सुनवाई नहीं होने पर परिजन और ग्रामीणों ने एनएच-46 पर एक घंटे तक चक्का जाम किया। चक्का जाम में पोहरी से कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा भी मौजूद रहे। एसडीएम उमेश कौरव, एडिशनल एसपी संजीव मुले ने जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन ने चक्का जाम खत्म किया। इस हत्याकांड का आरोप सरपंच और उसके परिवार पर है। मामले में पुलिस ने सरपंच, उसकी पत्नी और बेटे सहित आठ लोगों के खिलाफ हत्या का केस किया है।
इधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिवपुरी जिले के ग्राम इंदरगढ़ में जल कनेक्शन को लेकर दो पक्षों में हुए आपसी विवाद में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। घटना में मृतक नारद जाटव के परिजन को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को घटना स्थल पर पहुँच कर पीड़ित परिवार से मुलाकात के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में अशांति फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। मध्य प्रदेश में क्रूरता एवं अराजकता के लिए कोई स्थान नहीं है। मामले में पुलिस द्वारा 8 आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है, जिसमें से 4 आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है।
बोरवेल को लेकर हुआ था दो पक्षों में विवाद
स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव के सरपंच पदम धाकड़ ने नारद के मामा रघुवीर और करण के साथ मिलकर खेत में सिंचाई और दूसरे कामों के लिए एक बोर कराया था। इस बोर से नारद के मामा जमीन की सिंचाई और सरपंच परिवार होटल के लिए पानी लेता था। लेकिन, सरपंच पदम धाकड़ और उसके भाई मोहर पाल धाकड़ ने नारद जाटव के मामा की जमीन से होटल के लिए पीछे से रास्ता बना लिया था। इसी बात से दोनों पक्षों के बीच अकसर विवाद होने लगा था।
दौरार गांव का रहने वाला 30 साल का नारद जाटव पुत्र विष्णु जाटव इंदरगढ़ आया था। यहां नारद और सरपंच पदम धाकड़ के बीच बोरवेल को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद में नारद ने बोरवेल पाइप लाइन उखाड़कर फेंक दी थी। इसके बाद झगड़ा बढ़ा और सरपंच पदम धाकड़, उसके भाई मोहर पाल धाकड़, सरपंच के बेटे अंकेश धाकड़, जसवंत धाकड़, पत्नी दाखा बाई और विमल धाकड़, निक्की उर्फ अवधेश धाकड़, बेताल धाकड़ ने लाठियों से पीट-पीट कर नारद की हत्या कर दी।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स पर लिखा कि दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड के बाद एक बार फिर साबित हो गया है कि मध्य प्रदेश में दलित वर्ग सुरक्षित नहीं है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता, जिस दिन प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटना नहीं होती हो। दुर्भाग्य की बात है मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस तरह के विषयों पर कुछ भी कहने से बचते हैं और दलितों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि प्रदेश में दलित और आदिवासियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाएं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
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