क्रिश्चियन समुदाय गौकशी के माध्यम से आदिवासियों को बदनाम कर वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा करना चाहता है- सोहन विश्वकर्मा
झाबुआ, 10 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य झाबुआ जिले के मेघनगर जनपद क्षैत्र के ग्राम सजेली नानजीसात (नान्यासाथ) में घटित गौकशी की घटना को क्षैत्रिय मंत्री विश्व हिन्दू परिषद, गौ रक्षा विभाग, सोहन विश्वकर्मा ने एक अत्यंत गंभीरतम घटना बताया है, और कहा कि प्रशासन की नाक के नीचे रह स्लाटर कितने वर्षों से चल रहा है, यह बहुत बड़ी घटना है। उन्होंने कहा कि जहां जहां चर्च हैं, और जहां जहां कन्वर्टेड क्रिश्चियन रहते हैं, वहां वहां गौकशी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता रहा है।
उक्त घटना के परिप्रेक्ष्य में मौके पर सारी स्थिति को देखकर एवं जिला अधिकारियों से बातचीत करने के बाद बुधवार देर शाम सोहन विश्वकर्मा हिंदुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी संवाददाता से बात कर रहे थे। विश्वकर्मा ने कहा कि क्रिश्चियन समुदाय आदिवासियों को बदनाम करने एवं इस आड़ में वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा करना चाहता है। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन द्वारा तीन स्थानों पर गाय कटने की बात कही गई, किंतु वास्तव में 40 से 50 स्थानों पर गाएं कटती है। और निश्चित रूप से गौमांस गुजरात एवं राजस्थान में सप्लाय किया जाता होगा। गौकशी के घटनाक्रम में हंड्रेड पर्सेंट बड़े अधिकारियों का हाथ है।
विश्वकर्मा ने हिंदुस्थान समाचार को कहा कि सजेली नानजीसात (नान्यासाथ) की शासकीय वन भूमि पर पांच किलोमीटर के क्षैत्र में मृत गायों के चमड़े सहित अवशेष, पड़े हुए हैं। गौकशी करने वाले हत्यारों द्वारा मृतक गायों के चमड़ो को जलाकर और जलाशय में बहाकर साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास किया गया है, किंतु वहां की गौरक्त से सनी जमीन और चारों तरफ फैले हुए मृत गायों के अवशेष बड़ी संख्या में गौहत्या होने का सबूत दे रहे हैं। विहिप के गौरक्षा प्रमुख ने कहा कि उक्त जगहों पर रोजाना 1000 से भी अधिक गायों को मौत के घांट उतारा जा रहा था।
विश्वकर्मा ने कहा कि उन्होंने कलेक्टर एसपी और डीएफओ से सीधे संवाद किया और गौकशी की उक्त घटना को बहुत बड़ी एवं गंभीरतम घटना बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि शासन से हमारी मांग है कि सजेली की वन भूमि पर किए गए समस्त अतिक्रमण और साथ ही चर्च द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया जाए, साथ ही वहां विद्युत विभाग द्वारा जो लाइन बिछाई गई है, उसे भी तुरंत हटाया जाए, और समस्त दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो। केवल बीट गार्ड को सस्पेंड करने से कुछ नहीं होगा। वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कहां गौमांस सप्लाय किया जाता था, कौन-कौन एजेंसी से उनके तार जुड़े थे, यह सब जांच के विषय होने चाहिए, और सारे घटनाक्रम से जुड़े लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जाकर कार्रवाई की जानी चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा

