कैबिनेट-4 : उज्जैन-जावरा के मध्य बनेगा 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे, राशि स्वीकृति
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक
भोपाल, 4 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा उज्जैन शहर को जावरा स्थित एक्सप्रेस-वे इंटरचेंज से जोड़ने के लिये 102.80 किमी लम्बे ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे के निर्माण की स्वीकृति दी है। इस परियोजना का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप हाइब्रिड एनयूटी आधार पर होगा। परियोजना की लागत 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख रुपये है।
इस परियोजना पर 17 वर्षों में कुल व्यय 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख रुपये में से 557 करोड़ रुपये का भुगतान सड़क विकास निगम और 4460 करोड़ रुपये का भुगतान राज्य बजट से किया जायेगा। इस मार्ग पर 7 बड़े पुल, 26 छोटे पुल, 270 पुलिया, 5 फ्लाई ओवर, 2 रेलवे ओवरब्रिज बनाये जाएंगे। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिल्ली एवं मुम्बई के मध्य 8 लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इस राजमार्ग की 247 कि.मी. लम्बाई राज्य के मंदसौर, रतलाम एवं झाबुआ जिलों से गुजरता है। एक्सप्रेस-वे के इस भाग में 7 स्थानों पर एक्सप्रेस-वे से जुडने के लिये इंटरचेंज दिये गये हैं। इनमें से एक इंटरचेंज जावरा के पास भूतेड़ा पर स्थित है। क्षेत्र के औद्योगिक विकास एवं अर्थव्यवस्था में गुणात्मक सुधार को दृष्टिगत रखते हुये उज्जैन शहर को जावरा स्थित एक्सप्रेस-वे इंटरचेंज से जोड़ने के लिये यह निर्णय लिया गया है।
म.प्र. राज्य न्यायिक अकादमी के नवीन भवन निर्माण के लिये 485 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा जबलपुर के ग्राम मंगेली बरेला बायपास रोड़ स्थित मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी के लिये नवीन भवन निर्माण की योजना कुल लागत 485 करोड़ 84 लाख रुपये की स्वीकृति दी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत पदों की संख्या 2044 तथा कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की संख्या 1847 है। इस प्रकार प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं। इस दौरान न्यायाधीशगण को अकादमी के परिसर में ही रहकर अपना प्रशिक्षण प्राप्त करना होता है। इसके अतिरिक्त राज्य न्यायिक अकादमी तहसील स्तर एवं जिला स्तर पर अधिवक्तागण को भी प्रशिक्षण प्रदान करती है तथा अन्य विभागों के अधिकारी जिनकी न्यायिक प्रणाली में भागीदारी आवश्यक होती है जैसे अभियोजन अधिकारी, पुलिस/अन्वेषणकर्ता अधिकारी, राजस्व अधिकारी, बाल कल्याण अधिकारी, वन संरक्षक की संबंधित अधिनियम और न्यायिक प्रणाली के संबंध में संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण सत्र आयोजित करती है। वर्तमान में राज्य न्यायिक अकादमी का भवन अत्यंत छोटा कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए उक्त भवन पर्याप्त नहीं है। इसलिये नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है।
प्रदेश में पीपीपी मोड पर चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों को पीपीपी मोड पर स्थापित करने की स्वीकृति दी। उक्त निर्णय से जिले में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना होने से जिले के मरीजों को तृतीयक स्तर की सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये एवं जिला अस्पतालों का उन्नयन करके मरीजों को उच्चतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदाय करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम, 1990 अंतर्गत कार्यरत सीधी भर्ती/पदोन्नत/पदनामित प्राध्यापकों को यू.जी.सी. छठवें वेतनमान में 1 जनवरी 2006 से रुपये 37400-67000 के साथ ए.जी.पी. 10 हजार रुपये का वेतनमान देने की स्वीकृति प्रदाय की गई है। साथ ही 14 सितम्बर 2012 के विभागीय आदेश को संशोधित करने तथा 19 मार्च 2013 के विभागीय आदेश को निरस्त करने के लिये उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / उमेद/मुकेश
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