विदिशाः कलेक्टर ने शैक्षणिक गतिविधियों का जायजा लिया, पांच बीआरसी का वेतन रोकने के निर्देश
विदिशा, 23 दिसंबर (हि.स.)। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने शनिवार को स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से संचालित कार्यों का जायजा लिया। कलेक्ट्रेट में आयोजित इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ डॉ. योगेश भरसट के अलावा, जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी समेत अन्य मौजूद रहे।
कलेक्टर भार्गव ने पांच विकासखण्डों के बीआरसी द्वारा सौंपे गए कार्यों की दायित्वों के निर्वहन व क्रियान्वयन में उदासीनता बरतने पर उनका वेतन रोकने और सात दिनों में सर्वे कर निरक्षरों की सही जानकारी प्रस्तुत कर उन्हें साक्षर करने की कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर द्वारा विकासखण्ड विदिशा, बासौदा, कुरवाई, सिरोंज एवं नटेरन के बीआरसी के वेतन रोकने की कार्यवाही संपादित करने के निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना की बिन्दुओं पर भी विचार विमर्श किया गया है। निपुण भारत कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान जिले के समस्त शिक्षकों से कहा गया कि पहली, दूसरी एवं तीसरी कक्षाओं में अध्ययनरत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए लागू निपुण भारत कार्यक्रम का क्रियान्वयन पूर्ण गंभीरता से करें ताकि आने वाले पीढ़ी शैक्षणिक रूप से सशक्त हो सकें।
कलेक्टर भार्गव ने जिले में बुनियादी साक्षरता व संख्यात्मक निपुणता के लक्ष्य प्राप्ति में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए गुरूजनों की महती भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शत प्रतिशत बच्चे स्कूलों में उपस्थित हो, वहीं कमजोर वर्ग के बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने शैक्षणिक गतिविधियों को क्रियान्वित करने वाले डीईओ, डीपीसी, डाइट तीनो के संयुक्त समन्वय से शैक्षणिक गुणवत्ताओं में निखार लाएं।
जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट ने अनुशासन पर विशेष बल देते हुए कहा कि शिक्षक स्वंय अनुशासित रहें और ऐसी ही प्रेरणा विद्यार्थियो को दें। उन्होंने कहा कि अनुशासन में किसी भी प्रकार की कोताही ना हो पालन ना करने वालो के खिलाफ कार्यवाही हो। उन्होंने निपुण प्रोफेशनल के स्तर में सुधार लाने पर विशेष बल देते हुए कहा कि राज्य के प्रयास और जिले की स्थिति में विभिन्नता ना हो। कक्षा एक से तीन तक के हरेक बच्चे को भाषा और बुनियादी गणित में निपुण बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उसकी पूर्ति के लिए आपसी समन्वयक से प्रयास आवश्यक है। राज्य शिक्षा मिशन के द्वारा किए जा रहे प्रयासो को और बढावा देने के लिए नई शिक्षा प्रणाली के अनुकूल शिक्षक और बच्चों दोनो को अभ्यास करना अतिआवश्यक है ताकि नए पैटर्न की समझ से जोड़ घटाओ, मुद्रा, मापन आकार की समक्ष के साथ-साथ भाषा पर कमाण्ड कर सकें।
जिपं सीईओ डॉ भरसट ने निर्देश दिए कि जिले में शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार लाने के लिए हर स्तर पर समीक्षाएं की जाए ततसंबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एवं डीपीसी को विशेष पहल करने हेतु ताकिद किया गया है वहीं आगामी दो वर्ष की कार्ययोजना पर चर्चा कर साइकिल वितरण, शालाओं का नामांकन और मान्यता के संबंध में भी विशेष निर्देश दिए गए।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद
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