शिवपुरी कलेक्टर का जिला अस्पताल पर औचक निरीक्षण, व्यवस्थाओं में सुधार के सख्त निर्देश

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शिवपुरी कलेक्टर का जिला अस्पताल पर औचक निरीक्षण, व्यवस्थाओं में सुधार के सख्त निर्देश


शिवपुरी कलेक्टर का जिला अस्पताल पर औचक निरीक्षण, व्यवस्थाओं में सुधार के सख्त निर्देश


शिवपुरी कलेक्टर का जिला अस्पताल पर औचक निरीक्षण, व्यवस्थाओं में सुधार के सख्त निर्देश


शिवपुरी, 9 दिसंबर (हि.स.)। शिवपुरी जिला अस्पताल में व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने और मरीजों को मिलने वाली सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कई कमियों पर नाराज़गी जताई और विभागीय अधिकारियों को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान उन्होंने एसएनसीयू यूनिट, मेटरनिटी वार्ड, ओपीडी, गायनिक ओपीडी, डायलिसिस यूनिट सहित कई महत्वपूर्ण वार्डों का भ्रमण किया। इस दौरान अस्पताल परिसर और वार्डों की स्थिति देखकर कलेक्टर ने आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

निरीक्षण के दौरान उनके साथ सिविल सर्जन डॉ. बी.एल. यादव, तहसीलदार शिवपुरी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर चौधरी ने कहा कि मेटरनिटी वार्ड में अटेंडरों के बैठने के लिए समुचित और पर्याप्त व्यवस्था की जाए, ताकि मरीजों के परिजनों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने साफ निर्देश दिए कि अस्पताल में अटेंडर पास सिस्टम को सख्ती से लागू किया जाए, और प्रत्येक मरीज के साथ केवल एक ही अटेंडर को रहने की अनुमति दी जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि परिजनों को इस व्यवस्था के बारे में समझाइश देकर अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में स्वच्छता और व्यवस्थित वातावरण बनाए रखने पर जोर देते हुए निर्देशित किया कि वाहनों के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए, जिससे परिसर में अव्यवस्था न फैले और मरीजों की आवाजाही सुगम बनी रहे। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल के खुले स्थानों में चंपा के पौधे लगाने के निर्देश दिए, ताकि परिसर का वातावरण और सौंदर्य बेहतर हो सके।

डायलिसिस यूनिट में स्टाफ की कमी और मशीनों की संख्या पर्याप्त न होने की जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने गत दिवस नाराजगी भी जताई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि डायलिसिस यूनिट को 24×7 क्रियाशील रखने के लिए आवश्यक मानव संसाधन और मशीनों की व्यवस्था हेतु वरिष्ठ कार्यालय को पत्राचार किया जाए। उन्होंने कहा कि मरीजों की जरूरत के हिसाब से यह सुविधा हर समय उपलब्ध रहनी चाहिए।

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर चौधरी ने आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी पात्र आयुष्मान कार्ड धारकों को वार्ड के अंदर भर्ती किया जाए, और इस व्यवस्था के लिए आयुष्मान भारत आउटसोर्स कंपनी को भी आवश्यक पत्राचार किया जाए। उन्होंने अस्पताल में डीएनबी/एनबीई और पीजी डिप्लोमा के छात्रों के लिए लाइब्रेरी की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके अलावा बच्चों के उपचार के लिए संचालित 'मुस्कान' कार्यक्रम के तहत पीडियाट्रिक ओपीडी और शिशु रोग इमरजेंसी का विस्तार करने तथा पीडियाट्रिक वार्ड में आवश्यक सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए।

पीआईसीयू यूनिट में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कलेक्टर ने स्टेप डाउन वार्ड में अतिरिक्त ऑक्सीजन पैनल लगाने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में मरीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा सके। साथ ही उन्होंने अस्पताल के महत्वपूर्ण वार्डों में शुद्ध पेयजल स्रोत लगाने पर भी जोर दिया।जिला अस्पताल में वर्षों से अनुपयोगी पड़े डीजी सेट को लेकर भी उन्होंने गंभीरता दिखाई। उन्होंने कहा कि अक्रियाशील डीजी सेट की अपलेखन (स्क्रैप) प्रक्रिया को तेज किया जाए, और पीडब्ल्यूडी विभाग के सहयोग से जल्द से जल्द इस कार्य को पूर्ण किया जाए।

अपने औचक निरीक्षण के दौरान कलेक्टर चौधरी ने साफ कहा कि जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार सरकार की प्राथमिकता है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मरीजों को बेहतर इलाज, स्वच्छ वातावरण और सुरक्षित सुविधाएं उपलब्ध कराना सर्वोच्च जिम्मेदारी है तथा सभी व्यवस्थाएं समय-सीमा में दुरुस्त की जाएं।

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हिन्दुस्थान समाचार / युगल किशोर शर्मा

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