इंदौरः कलेक्टर ने तहसील न्यायालयों का किया औचक निरीक्षण
- समय पर पेशी कराने और अनावश्यक रूप से प्रकरणों को लंबित न रखने के दिए निर्देश
इंदौर, 12 जनवरी (हि.स.)। कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थित तहसील कार्यालयों के राजस्व न्यायालयों का निरीक्षण किया। उन्होंने भिचौली हप्सी एवं मल्हारगंज तहसील कार्यालयों का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यालय में संधारित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन पंजी, प्रतिलिपि शाखा सहित विभिन्न राजस्व प्रकरणों के पंजी का अवलोकन किया एवं प्रकरणों के निराकरण की जानकारी संबंधित अधिकारियों से ली। उन्होंने राजस्व प्रकरणों के निराकरण व न्यायालयीन प्रक्रिया में तेज़ी लाने के संबंध में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही के निर्देश दिए।
कलेक्टर आशीष सिंह ने निरीक्षण के दौरान पाया कि कुछ प्रकरण काफी समय से लंबित है उन पर पेशी नहीं कराई गई है। दायित्वों के निर्वहन में इस तरह के लापरवाही बरतने पर उन्होंने मल्हारगंज तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार तथा भिचौली हप्सी न्यायालय के रीडर, मलारगंज तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार न्यायालय के रीडर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मल्हारगंज तहसील के पूर्व नायब तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह चौहान द्वारा एक आवेदक का प्रकरण 6 महीने से अधिक अवधि से लंबित रखा गया था। प्रकरण पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी तथा दायित्वों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही दिखाने पर कलेक्टर ने पूर्व नायब तहसीलदार की विभागीय जांच शुरू करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि आम जनता की समस्याएं समयबद्ध तरीके से निराकृत हो यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। आवेदकों को बार-बार कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़े। अनावश्यक रूप से किसी भी प्रकरण को लंबित न रखा जाए तथा लगातार पेशी की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जो भी प्रकरण अनावश्यक रूप से लंबित है उन पर तुरंत सुनवाई की जाए। जनता की समस्याओं का त्वरित रूप से निराकरण हो यह सभी राजस्व अधिकारी सुनिश्चित करें।
चिन्हित जघन्य गंभीर आपराधिक प्रकरणों की समीक्षा बैठक संपन्न
वहीं, कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को चिन्हित जघन्य गंभीर आपराधिक प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक, लोक अभियोजन अधिकारी तथा अन्य शासकीय अधिवक्ता उपस्थित रहे। कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर के चिन्हित एवं जघन्य अपराध प्रकरणों के निराकरण, प्रकरणों की वर्तमान स्थिति तथा अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने हेतु की जा रही कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा है कि गंभीर श्रेणी के अपराधों में अपराधियों को किसी तरह से भी राहत नहीं मिले। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा हो।
लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2005 से 2023 तक जघन्य गंभीर अपराधों में कुल 335 प्रकरण चिन्हित किए गए थे जिनमें से 223 प्रकरणों में निर्णय हो चुका है तथा 112 न्यायालय में लंबित प्रकरण है। उक्त प्रकरणों में सजा का प्रतिशत 70 प्रतिशत रहा है, जो की प्रदेश में सबसे अधिक है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा
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