मप्रः देश की क्लीन कैपीटल भोपाल 1100 मेगावाट सोलर एनर्जी से बनेगी ग्रीन कैपीटल
भोपाल, 18 जनवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कार्बन उर्त्सजन नियंत्रित कर क्लीन कैपीटल के साथ ही ग्रीन कैपीटल बनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। भोपाल को सोलर सिटी बनाने के लिए वातावरण तैयार कर आगामी दो माह में घरों और विभिन्न स्थलों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। गुरुवार को संभाग आयुक्त सभाकक्ष में सम्पन्न हुई बैठक में इसकी रूपरेखा तैयार की गई।
बैठक में नगर निगम की महापौर मालती राय, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे, संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, ऊर्जा विकास निगम के एमडी गणेश शंकर मिश्रा, नगर निगम आयुक्त फ्रेंक नोबल सहित विद्युत वितरण कंपनी, ऊर्जा विकास निगम आदि के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि भोपाल में 1100 मेगावाट सोलर एनर्जी स्थापना और उपयोग का लक्ष्य निर्धारित कर क्रमबद्ध ढंग से जन सहयोग से अमल किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल के अलावा इंदौर और उज्जैन नगर को सोलर सिटी बनाने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में यह बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि भोपाल को सोलर सिटी बनाने और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए शीघ्र ही वातावरण निर्माण करने के लिए सभी 21 जोन में जागरूकता अभियान चलाकर नागरिकों को अपने आवास की छतों सहित अन्य स्कूल कालेज और शासकीय कार्यालयों आदि में सोलर पैनल लगवाने का अभियान चलाया जायेगा।
तय किया गया है कि भोपाल में 1100 मेगावाट सोलर एनर्जी के लक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से प्राप्त किया जायेगा और आगामी 2 माह में लगभग 25 हजार स्थलों पर सोलर पैनल लगाने के प्रयास किए जायेंगे । भोपाल में वर्तमान में 2000 मेगावाट विद्युत की खपत है।
प्रमुख सचिव संजय दुबे ने इस अभियान के लिए शासन के विशेषत: ऊर्जा विकास निगम के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने एक से 3 किलोवाट के घरेलू सोलर पैनल के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया और अनुदान आदि के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने रहवासी संघों के बीच विशेष अभियान चलाकर प्रतिस्पर्धा जागृत करने और इससे होने वाले फायदों की भी जानकारी दी । श्री दुबे ने नगर निगम से एक सुसंगत कार्य योजना के साथ भोपाल को सोलर सिटी बनाने के लिए अग्रणी भूमिका निभाने की अपेक्षा की। उन्होंने बताया कि भोपाल में 1100 मेगावाट सोलर एनर्जी के इस्तेमाल से यह क्षमता 285 लाख पेड़ों के बराकर कार्बन उत्सर्जन सोखने की होगी।
बैठक में प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि सोलर यूनिट लगाने की लागत पांच साल में वसूल हो जाती है और अगले बीस साल तक मुफ्त बिजली मिल जाती है। कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए लोगों को सौर ऊर्जा अपनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा। बिजली कंपनी एक दिन में सोलर सिटी के लिए नेट मीटर लगा देगी। बिजली कंपनी की टीम नगर निगम की टीम के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाएगी, वार्डों में प्रजेंटेशन भी दिया जाएगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि सब्सिडी फ्री फलो कर दी गई है।
भोपाल को ग्रीन बनाने के लिए ई वाहन, उद्योग में ग्रीन एनर्जी, वाटरबाडी में सोलर एनर्जी, पांच स्टार रेटिंग के विद्युत उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ ही वृक्षारोपण पर भी जोर दिया गया। बैठक में महापौर मालती राय ने कहा कि वे भोपाल को देश की सबसे ग्रीन राजधानी बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे ऊर्जा विकास निगम के अधिकारियों के साथ बैठकर कार्य योजना बनाएं, जिससे भोपाल को सोलर राजधानी बनाया जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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