बाल संरक्षण आयोग के सद प्रयास: अमानवीय कुप्रथाओं में 1 रोटी, 1 रुपये के लिए मोहताज बालिका के जीवन में आई खुशहाली

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बाल संरक्षण आयोग के सद प्रयास: अमानवीय कुप्रथाओं में 1 रोटी, 1 रुपये के लिए मोहताज बालिका के जीवन में आई खुशहाली


अशोकनगर, 4 दिसम्बर (हि.स.)। मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में अमानवीय कुप्रथाओं के बीच अपने पिता के अभाव में एक 12 वर्षीय नाबालिग लोगों के घरों के आगे सफाई करती और कुछ घरों का मैला साफ करती और 1 रोटी और 1 रुपये के लिए मोहताज होती। अब दो वर्ष बाद नाबालिग के जीवन में खुशहाली आई है, वह अब कक्षा 9 में अध्ययनरत है, वह ही नहीं बल्कि उसके छोटे भाई-बहन भी स्कूली शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। नाबालिग के जीवन में खुशहाली और बदलाव मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ.निवेदिता शर्मा के सद प्रयासों का परिणाम है।

दरअसल, जिले के बहादुरपुर कस्बा अंतर्गत एक कस्बे का मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला ये वाकिया दो वर्ष पूर्व 28 मई 2023 में प्रकाश में आया था। जिसमें एक 12 वर्षीय नाबालिग रोजाना अपनी आठ वर्षीय फुफेरी बहन के साथ कस्बे के करीब बीस घरों में सफाई करती है। उसके काम में घरों के सामने गली में झाड़ू लगाना, नाली साफ करना और कुछ घरों के शौचालय साफ करना शामिल था। इसके बदले में उसे रोजाना हर घर से एक रोटी और माहवार तीस रुपए मिलते हैं। यह काम तीन परिवारों को रोजी दे रहा है। कभी-कभी उसके साथ उसकी बुआ भी सफाई करने आती हैं। पहले यह काम नीलम की दादी, मां और चाची भी करती थीं। लेकिन नाबालिग के पिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद से दादी ने बिस्तर पकड़ लिया और एक रीति जिसमें पति की मौत के बाद पत्नी सवा साल तक घर से बाहर नहीं जाती, इसका पालन करने के लिए मां और चाची के हिस्से का काम इस मासूम को पढऩे-लिखने की उम्र में करना पड़ रहा था।

जानकारी लगते ही लिया संज्ञान, आया जीवन में बदलाव

अमानवीय कुप्रथाओं और मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा ये प्रकरण मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ.निवेदिता शर्मा के संज्ञान में आते ही उनके द्वारा बहादुरपुर कस्बे में भ्रमण किया गया और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। तत्पश्चात बालिका को प्रायोजन सहायता स्वीकृत कराई गई। जिससे उसका सम्पूर्ण विकास, शिक्षा तथा सामाजिक सुरक्षा, सम्मान जनक जीवन यापन के प्रबंध किए गए। बाल संरक्षण आयोग के इस तरह के महत्वपूर्ण प्रबंधों से बालिका के जीवन में बदलाव आया है। वर्तमान में वह स्थानीय विद्यालय में कक्षा 9 में अध्ययनरत है साथ ही उसके छोटे भाई-बहन के जीवन में भी सुधार आया है वह विद्यालय में अध्ययनरत हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / देवेन्द्र ताम्रकार

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