महाविद्यालयीन परीक्षाओं में नकल को सख्ती से रोका जाएगाः उच्च शिक्षा मंत्री परमार
- मंत्री परमार ने संभागीय समीक्षा बैठक में की उच्च शिक्षा विभाग की गतिविधियों की समीक्षा
ग्वालियर, 25 नवंबर (हि.स.)। उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि महाविद्यालयीन परीक्षाओं में नकल की प्रवृत्ति को सख्ती से रोका जाएगा। परीक्षाओं को पूरी तरह नकल रहित बनाने के लिये उच्च शिक्षा विभाग नीतिगत निर्णय लेने जा रहा है। जिसके तहत नकल रोकने के उपायों के साथ-साथ महाविद्यालयीन प्राचार्यों व शिक्षकों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री परमार सोमवार को ग्वालियर एवं चंबल संभाग के शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक में उच्च शिक्षा विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डॉक्टर, इंजीनियर व विषय विशेषज्ञ बनाने तक ही सीमित न हो। शिक्षकों के प्रयास ऐसे हों कि विद्यार्थी श्रेष्ठ नागरिक बनें और उनके पास समाज के प्रश्नों और समस्याओं का समाधान भी हो। जीवाजी विश्वविद्यालय के सभागार में हुई संभागीय समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी, कुल सचिव अरुण चौहान व अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा प्रो. कुमार रत्नम सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं दोनों संभागों के शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद थे।
बैठक में स्नातक द्वितीय व तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का अगले सेमेस्टर में प्रमोशन, सीएम हैल्पलाइन, विभागीय जाँचों की स्थिति, न्यायालयीन प्रकरणों में जवाब प्रस्तुत करने की स्थिति, गाँव की बेटी व प्रतिभा किरण सहित अन्य छात्रवृत्ति वितरण, नए महाविद्यालयों की व्यवस्थायें, महाविद्यालयों में अधोसंरचना के लिये उपलब्ध कराए गए बजट का उपयोग व भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ की गतिविधियां सहित उच्च शिक्षा विभाग की अन्य गतिविधियों की समीक्षा की गई। सभी प्राचार्यों को बैठक में निर्देश दिए गए कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन व अन्य स्वत्वों के निराकरण में कदापि देरी न हो।
सार्थक एप पर एंट्री नहीं तो वेतन भी नहीं
उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि शासकीय महाविद्यालयों में जरूरी संसाधनों की पूर्ति सरकार करेगी, पर प्राचार्य एवं सभी आचार्यगण अपने महाविद्यालय को सुंदर, स्वच्छ, अनुशासित व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के केन्द्र के रूप में विकसित करें। प्राचार्य सहित सभी शिक्षक समय पर अपने महाविद्यालय में उपस्थित हों और सार्थक एप पर एंट्री करें, सार्थक एप पर जिस कार्य दिवस की एंट्री नहीं होगी, उस दिवस का वेतन काटा जाएगा।
विद्यार्थियों की उपस्थिति भी सार्थक एप से जोड़ने के प्रयास
परमार ने कहा कि शिक्षकों की तर्ज पर सार्थक एप पर विद्यार्थियों की उपस्थिति भी दर्ज कराने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति 80 से 90 प्रतिशत तक होगी, उन्हें उच्च शिक्षा विभाग द्वारा क्रेडिट (विशेष प्रोत्साहन) दिया जायेगा। उन्होंने कहा यह व्यवस्था जल्द लागू करने के प्रयास किए जाएंगे।
राज्य स्तर से कराया जायेगा महाविद्यालयों का औचक निरीक्षण
प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने प्राचार्यों को आगाह करते हुए कहा कि वे समय सारिणी के अनुसार विद्यालय की कक्षायें लगें। राज्य स्तर से दल गठित कर इसका औचक निरीक्षण कराया जायेगा। विद्यालय की कक्षायें अनियमित पाए जाने पर संबंधित प्राचार्य जवबादेह होंगे।
विद्यार्थियों को ऑनलाइन कोर्सेज के लिये प्रोत्साहित करें
समीक्षा बैठक में सभी विद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए कि नई शिक्षा नीति के तहत 48 ऑनलाइन कोर्स संचालित हैं। विद्यार्थी घर बैठे यह ऑनलाइन कोर्सेज कर सकते हैं। इसके लिये विशेष प्रोत्साहन देकर बच्चों को पंजीकृत कराएं। दक्षिण भारत के राज्यों के विद्यार्थी ऑनलाइन कोर्सेज का फायदा उठा रहे हैं।
महाविद्यालयीन पाठ्यक्रमों को रोजगारमूलक बनाने पर भी बैठक में बल दिया गया। विद्यार्थियों के आधार कार्ड में त्रुटि सुधार और आधार एवं अंकसूची के नाम में मिसमैच की कमी दूर कराने के लिये भी सभी प्राचार्यों से कहा गया।
नैक की ग्रेडिंग भी कराएं महाविद्यालय
सभी प्राचार्यों से कहा गया कि जो महाविद्यालय पात्रता रखते हैं वे नैक की ग्रेडिंग अवश्य कराएं। प्रदेश के 150 महाविद्यालय अब तक नैक में अपनी ग्रेडिंग करा चुके हैं।
विद्यार्थियों का दुर्घटना बीमा अवश्य कराएं
उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने बैठक में जोर देकर कहा कि सभी प्राचार्य अपने-अपने महाविद्यालय के विद्यार्थियों का दुर्घटना बीमा अवश्य कराएं। महाविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया के दौरान ही यह कार्रवाई पूर्ण कर संबंधित बीमा एजेंसी को प्रीमियम राशि उपलब्ध करा दी जाए। इस कार्य को पूरी गंभीरता से अंजाम दें।
भगवान बिरसा मुण्डा के जीवन चरित्र पर वर्ष भर गतिविधियां हों
मंत्री परमार ने कहा कि प्रदेश में भगवान बिरसा मुण्डा की 150वां जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में गत 15 नवम्बर को जनजाति गौरव दिवस मनाया गया था। भगवान बिरसा मुण्डा की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में महाविद्यालयों में भी उनके जीवन चरित्र पर आधारित गतिविधियां आयोजित की जाएं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही इस विषय पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित कराई जायेगी। इसके लिये विद्यार्थियों को पहले से ही जानकारी दे दें, जिससे वे अपना ज्ञानवर्धन कर प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
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