आख़िरी सिरे तक पहुंचे नहर का पानी, सुनिश्चित करे जल संसाधन विभागः कमिश्नर
- संभागायुक्त ने की इंदौर संभाग में चल रही सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा
इन्दौर, 24 मई (हि.स)। संभागायुक्त दीपक सिंह ने शुक्रवार को इंदौर संभाग में चल रही सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित करें कि नहरों से पानी अंतिम सिरे तक पहुंचे। अंतिम छोर के खेतों में भी पानी मिलना चाहिए। उन्होंने कृषि, उद्यानिकी, जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के साथ-साथ कृषि विश्वविद्यालय की एक संयुक्त बैठक रखने के निर्देश भी दिए, ताकि सिंचाई के पानी का बेहतर उपयोग संभव हो सके।
संभागायुक्त ने कहा कि अध्ययन में यह पाया गया है कि खेतों में खुली नालियों से सिंचाई का पानी पहुँचने पर अपव्यय भी होता है, जबकि स्प्रिंक्लर से बेहतर सिंचाई संभव होती है। शासन की मंशा भी मोर क्रॉप वन ड्रॉप की है। इसके लिए जल संसाधन विभाग एक नीति और योजना बनाकर कार्य करें। बैठक में उपायुक्त राजस्व जानकी यादव, मुख्य अभियंता नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर देवड़ा सहित संभाग के सभी ज़िलों से आये कार्यपालन यंत्री उपस्थित थे।
बैठक में मुख्य अभियंता ने बताया कि संभाग में नर्मदा ताप्ती कछार के अंतर्गत तीन वृहद परियोजनाएं पूर्ण है। इनमें माही परियोजना का मुख्य बाँध एवं उपबांध झाबुआ ज़िले में स्थित है तथा भगवंत सागर परियोजना खंडवा ज़िले में बनी है। इन तीनों परियोजनाओं से 41 हजार 527 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है। साथ ही यहां के 162 गांवों के किसान लाभान्वित होते हैं।
बैठक में बताया गया कि संभाग में तीन मध्यम सिंचाई परियोजनाएं है, जिससे 20 हजार 653 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है और इनसे 93 गांवों के किसान लाभान्वित होते हैं। इनमें इंदौर ज़िले में चोरल बाँध, खरगोन ज़िले में देजला देवड़ा परियोजना और खंडवा ज़िले में हाल में निर्मित आंवलिया मध्यम परियोजना शामिल है। इसमें आंवलिया मध्यम परियोजना 165 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण की गई है। संभाग में 1251 लघु परियोजनाएं पूर्ण हैं। इनसे 2 लाख 38 हजार 276 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है। इन परियोजनाओं से इंदौर में 67, धार में 155, मनावर क्षेत्र में 174, झाबुआ ज़िले में 242, आलीराजपुर में 147, खरगोन में 176, बड़वानी में 147, बुरहानपुर में 69 और खंडवा ज़िले में 51 परियोजनाएं हैं।
बैठक में बताया गया कि संभाग में पाँच मध्यम परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और इनका कार्य चल रहा हैं। इनमें धार ज़िले में बरखेड़ा और कारम परियोजना, खंडवा ज़िले में भाम, बुरहानपुर ज़िले में भावसा परियोजना और पांगरी परियोजना शामिल हैं। इनके बनने के बाद 41 हजार 550 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। संभाग में 61 लघु सिंचाई परियोजनाएं भी निर्माणाधीन हैं, जिनका कार्य अभी प्रगति में है। इनकी कुल लागत 37 हजार 238 लाख रुपये हैं और इनसे कुल 21 हजार 428 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी।
बताया गया कि खंडवा ज़िले में ताप्ती चिल्लुर वृहद परियोजना स्वीकृति प्राप्त परियोजना है। इसके बन जाने से 81 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होंगी, परंतु अभी इसका कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। वही बुरहानपुर ज़िले में छोटी उतावली मध्यम परियोजना है, जिससे 4 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी । साथ ही बुरहानपुर शहर में जल स्तर में भी सुधार होगा। इसकी लागत 13 हजार 700 लाख रुपये है। संभाग में 113 लघु परियोजनाएं निर्माणाधीन है जिनके बनने से 36 हजार 850 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद
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