इंदौर को भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के अभियान को बनाए जाएगा और अधिक प्रभावी

इंदौर को भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के अभियान को बनाए जाएगा और अधिक प्रभावी
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इंदौर को भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के अभियान को बनाए जाएगा और अधिक प्रभावी


- अब बाल भिक्षुकों के साथ बड़ी उम्र के भिक्षुकों के विरूद्ध भी होगी कार्यवाही

इंदौर, 3 मार्च (हि.स.)। इंदौर शहर को बाल भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए चल रहे अभियान की सफलता को देखते हुए इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है। अब बाल भिक्षुकों के साथ ही बड़ी उम्र के भिक्षुकों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाएगी। भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के अभियान को और अधिक गति देकर प्रभावी बनाया जाएगा। भिक्षावृत्ति से मुक्त बच्चों और अन्य भिक्षुकों के शिक्षण, प्रशिक्षण, रोजगार और पुनर्वास पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। भिक्षावृत्ति पर कार्यवाही के लिये गठित दल में अब पुलिस भी साथ रहेगी। नगर निगम का कर्मचारी भी दल में रहेगा। डीएसपी स्तर के अधिकारी पुलिस व्यवस्था की मॉनीटरिंग करेंगे। साथ ही भिक्षावृत्ति पर निगरानी की व्यवस्था को और अधिक कारगर बनाते हुए स्मार्ट सिटी कार्यालय द्वारा कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जायेगा। इस कंट्रोल रूम के माध्यम से चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भिक्षावृत्ति पर निगरानी होगी।

यह जानकारी रविवार को यहां कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा भिक्षुक मुक्त शहर बनाये जाने के संबंध में ली गई समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में स्मार्ट सिटी मिशन के सीईओ दिव्यांक सिंह, अपर कलेक्टर गौरव बैनल, सपना लोवंशी, डीसीपी हंसराज सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में बताया गया कि बाल भिक्षुक मुक्त करने के अभियान को आशातीत सफलता मिली है। इस अभियान को निरंतर चलाये जाने की जरूरत है। साथ ही कलेक्टर आशीष सिंह ने अभियान का दायरा बढ़ाते हुए अब बड़े उम्र के भिक्षुकों के विरूद्ध भी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान को और अधिक गति देकर प्रभावी बनायें। शहर में कहीं भी भिक्षुक दिखायी नहीं दें। यह कार्यवाही सोमवार से ही प्रारंभ करने के उन्होंने निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि मॉनीटरिंग की व्यवस्था को मजबूत बनाया जाये। स्मार्ट सिटी मिशन कार्यालय द्वारा निगरानी के लिये नोडल अधिकारी भी अलग से बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि ऐसे स्थान चिन्हित किये जाएं जहां से बड़ी संख्या में भिक्षावृत्ति के लिए भिक्षुक आते हैं। पहले इन लोगों को समझाइस दी जाये। समझाइस के बाद भी नहीं मानने पर कार्यवाही की जाये। बाल भिक्षुकों को शिक्षा से जोड़ने के निर्देश भी उन्होंने दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि बड़ी उम्र के भिक्षुकों के प्रशिक्षण, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने और पुनर्वास पर भी कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए।

बैठक में बताया गया कि भिक्षावृत्ति पर कार्यवाही के लिये जिला प्रशासन द्वारा गठित सात दलों द्वारा निरन्तर कार्यवाही की जा रही है। अभी तक 303 परिवारों को भिक्षावृत्ति नहीं करने की समझाइस दी गई। अभियान के तहत 112 बच्चों को भी भिक्षावृत्ति नहीं करने के बारे में समझाया गया। भिक्षावृत्ति करते पाये जाने पर 20 बच्चों को अभिरक्षा में लिया गया। कुछ मामलों में दोषियों के विरूद्ध एफआईआर भी करायी गई है। जागरूकता के लिये मंदिरों में पोस्टर भी चस्पा किये गये हैं। साथ ही सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी निगरानी हो रही है। भिक्षावृत्ति की सूचना देने वालों को एक हजार रुपये नगद देकर पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है। भिक्षावृत्ति संबंधी सूचना देने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9691729017 जारी किया गया है। इस नंबर पर अभी तक 26 नागरिकों ने भिक्षावृत्ति की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही तुरंत कार्यवाही दलों द्वारा की गई।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा

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