एक जुलाई से बदल जाएंगे अंग्रेजों के जमाने के कानून, हत्या, बलात्कार,धोखाधड़ी की धारायें होंगी परिवर्तित

एक जुलाई से बदल जाएंगे अंग्रेजों के जमाने के कानून, हत्या, बलात्कार,धोखाधड़ी की धारायें होंगी परिवर्तित
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एक जुलाई से बदल जाएंगे अंग्रेजों के जमाने के कानून, हत्या, बलात्कार,धोखाधड़ी की धारायें होंगी परिवर्तित


अशोकनगर,12 जून(हि.स.)। देश में अंग्रेजों के जमाने से बने कानून आगामी एक जुलाई से बदल जाएंगे। नए कानून में कई धाराओं में बदलाव होगा तो नए कानून में काफी कुछ परिवर्तन आगामी एक जुलाई से देखने में आएगा। इसी संबंध में पुलिस अधीक्षक विनीत जैन ने बुधवार को हिन्दुस्थान समाचार से एक चर्चा में बतलाया कि एक जुलाई से देश में तीनों अधिनियमों में बदलाव होने जा रहा है। जिसको लेकर जिले सभी पुलिस जवानों को तीन दिन प्रशिक्षण भी दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक विनीत जैन का कहना है कि 1861 से जो भारतीय दण्ड संहिता यानी आईपीसी थी उसके स्थान पर अब भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस होगी। इसी प्रकार 1973 से लागू क्रिमनल प्रोसेस कोर्ट यानी सीआरपीसी के स्थान पर अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी बीएनएसएस होगी। इसी प्रकार 1872 से लागू इंडियन एवीडेंस एक्ट के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम यानी बीएसए होगी। उनका कहना है कि नए अधिनियमों में दण्ड की जगह न्याय प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई है।

बताया गया कि जहां आईपीसी में 511 धारायें होती थीं, अब नए अधिनियम में 358 धारायें होंगी। इसी प्रकार सीआरपीसी में 484 धारायें होती थीं अब बढक़र 531 धारायें होंगी। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 167 की जगह अब 170 धारायें होंगी।

बताया गया कि नए अधिनियम में समन तामिल ऑन लाईन कराये जाएंगे। पेशी भी ऑन लाईन हो सकेंगी। समय सीमा में निर्णय होंगे। तथा फरारी आरोपी के फरार रहने पर भी सुनवाई हो सकेगी। वहीं हत्या, बलात्कार, धोखाधड़ी जैसी धाराओं में परिवर्तन किया गया है। अब हत्या के मामले में धारा 302 की जगह धारा 103 लागू होगी। बलात्कार के मामले में 376 की जगह अब धारा 64 लागू होगी। धोखाधड़ी के मामले में 420 की जगह अब धारा 318 लागू होगी। इसी प्रकार अन्य धाराओं में भी परिवर्तन किया गया है। वहीं महिला संबंधी अपराधों को प्राथमिकता पर रखा गया है।

इस दौरान पुलिस अधीक्षक का कहना यह भी रहा है कि तीनों नए अधिनियमों का वृहद रूप है जिसका अध्ययन किया जा रहा है। बताया कि जिले के सभी पुलिस थानों में नए अधिनियमों की पुस्तकें उपलब्ध कराई गईं हैं।

हिन्दुस्थान समाचार /देवेन्द्र ताम्रकार/मयंक

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